
कार की सुरक्षित ड्राइविंग में ब्लाइंड व्यू मॉनिटर का क्या है फायदा?
क्या है खबर?
ब्लाइंड स्पॉट्स के कारण लेन बदलना या मोड़ पर गाड़ी चलाना काफी जोखिम भरा होता है। यह स्पॉट कार के आस-पास के वे क्षेत्र हैं, जो रियरव्यू या साइड मिरर में दिखाई नहीं देते। इस समस्या को दूर करने के लिए कार निर्माता ब्लाइंड व्यू मॉनिटर (BVM) की एडवांस सुरक्षा सुविधा देते हैं, जिसे इन ब्लाइंड स्पॉट्स को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है। आइये जानते हैं यह फीचर हादसों को रोकने में कैसे काम करता है।
तकनीक
कैसे काम करता है ब्लाइंड व्यू मॉनिटर?
ब्लाइंड व्यू मॉनिटर एक ड्राइवर असिस्ट सिस्टम है, जो टर्न सिग्नल चालू होने पर इंफोटेनमेंट स्क्रीन या इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर ब्लाइंड स्पॉट का लाइव वीडियो फीड प्रदर्शित करता है। यह रियल टाइम में ब्लाइंड स्पॉट दृश्यता प्रदान करने के लिए कैमरों और डिस्प्ले तकनीक को एकीकृत करती है। गाड़ी को दाएं-बाएं घुमाने का टर्न सिग्नल दबाने पर साइड मिरर के नीचे लगे कैमरे से इंफोटेनमेंट स्क्रीन पर लाइव वीडियो फीड मिलता है, जिसमें छुपे हुए स्थान उजागर हो जाते हैं।
एडवांस सिस्टम
एडवांस सिस्टम में मिलती हैं ये सुविधाएं
कुछ सिस्टम्स में सुरक्षित दूरी या संभावित टक्कर के जोखिमों को इंगित करने के लिए वीडियो फीड पर गतिशील मार्गदर्शन रेखाएं या चेतावनियां शामिल हो सकती हैं। BVM अक्सर ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग (BSM) सिस्टम के साथ मिलकर काम करता है, जो ब्लाइंड स्पॉट में वाहनों का पता लगाने के लिए रडार या अल्ट्रासोनिक सेंसर का उपयोग करता है। यह दृश्य (मिरर वार्निंग लाइट) और साउंड अलर्ट देता है। BVM दृश्य के साथ इन अलर्ट की पुष्टि करता है।
फायदा
फीचर के ये हैं फायदे
इस फीचर के फायदों की बात करें तो यह ब्लाइंड स्पॉट्स को समाप्त कर उन क्षेत्रों का स्पष्ट, सजीव दृश्य प्रदान करता है, जो चालक की दृष्टि से छिपे रहते हैं। इससे लेन बदलते समय साइड से टक्कर का जोखिम काफी कम हो जाता है। चालक को सामने की स्थिति के बारे में पहले की अवगत कराकर समग्र सड़क सुरक्षा में सुधार करता है। अन्य अलार्म सिस्टम की बजाय लाइव वीडियो निर्णय लेने में ज्यादा सहायक होता है।