कार में क्या काम करता है स्पीड-सेंसिंग ऑटो डोर लॉक? जानिए इसके फायदे और नुकसान
क्या है खबर?
कई बार लोग कार चलाते समय दरवाजे लॉक करना भूल जाते हैं। इससे तेज गति में ड्राइव करते समय दरवाजे खुलने से हादसे की आशंका बनी रहती है। इस समस्या से छुटकारा देने के लिए निर्माता आधुनिक कारों में स्पीड-सेंसिंग ऑटो डोर लॉक की सुविधा दे रही हैं। यह कार के एक पूर्व-निर्धारित गति पार करने पर सभी दरवाजे अपने आप लॉक कर देता है। आइये जानते हैं कैसे काम करता है यह फीचर और इसके फायदे क्या हैं।
तरीका
कैसे काम करता है स्पीड-सेंसिंग ऑटो डोर लॉक?
यह सिस्टम गाड़ी के स्पीड सेंसर पर निर्भर करती है, जो इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) या बॉडी कंट्रोल मॉड्यूल (BCM) का हिस्सा होता है। स्पीड सेंसर लगातार कार की गति मापता रहता है। BCM को एक विशिष्ट कम गति सीमा (10-20 किमी/घंटा) के साथ प्रोग्राम किया जाता है। जैसे गति इस सीमा से अधिक होती है, BCM सिग्नल भेजकर डोर लॉक एक्ट्यूएटर्स को सक्रिय कर दरवाजे लॉक कर देता है। गाड़ी रुकने पर दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं।
फायदा
ये हैं इस फीचर के फायदे
इस फीचर के फायदों की बात करें तो यह बच्चों को कार के चलते समय गलती से दरवाजा खोलने से रोकती है, जिससे उनके बाहर गिरने का खतरा कम हो जाता है। ट्रैफिक में फंसे होने पर किसी व्यक्ति के कार में अचानक से प्रवेश को रोकने में मददगार है। यह बार-बार मैनुअल रूप से दरवाजे लॉक करने की समस्या को भी दूर करता है। यह चालक को दरवाजे लॉक करने की चिंता मुक्त ड्राइविंग करने की सुविधा देता है।
नुकसान
क्या हैं इस सुविधा के नुकसान?
स्पीड-सेंसिंग ऑटो डोर लॉक फीचर के नुकसान की बात करें तो जिन यात्रियों को कार रुकने के बाद जल्दी से बाहर निकलना होता है तो उन्हें अपने दरवाजे के ऑटोमैटिक रूप से अनलॉक होने का इंतजार करना पड़ता है। इस सिस्टम में खराबी के कारण दरवाजे अप्रत्याशित रूप से लॉक या अनलॉक नहीं हो सकते हैं। किसी दुर्घटना की स्थिति में इलेक्ट्रिक सिस्टम प्रभावित होने पर सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम में खराबी आ सकती है।