
कार का वाटर पंप दे रहा ये संकेत, भूलकर भी मत करना अनदेखी
क्या है खबर?
कार के बेहतर प्रदर्शन के लिए वाटर पंप का सही तरह से काम करना बेहद जरूरी होता है। यह रेडिएटर से इंजन तक पानी पहुंचाने और इंजन में एक निश्चित तापमान बनाए रखता है। अगर, इसमें कोई खराबी आ जाए तो इंजन तक पानी नहीं पहुंचेगा, जिससे वह ओवरहीट हो जाएगा। इससे इंजन सीज होने की आशंका रहती है, जिससे जेब पर एक बड़ा खर्चा आ सकता है। आइये जानते हैं वाटर पंप खराब होने के क्या संकेत मिलते हैं।
लीकेज
चेक करें कूलेंट का लीकेज
कूलेंट लीकेज: खड़ी कार में कूलेंट का रिसाव वाटर पंप में संभावित खराबी का पहला संकेत है। पंप कई अलग-अलग गैस्केट और सील से बना होता है जो सूख, फट या टूट सकते हैं। ऐसा होने पर पंप से कूलेंट लीक हो जाएगा। अगर, कार के नीचे हरा या नीला तरल दिखाई दे तो इसे मैकेनिक के पास ले जाएं। जंग लगना: पंप के आस-पास जंग लगी दिखाई दे तो समझ जाएं कि इसे बदलवाने का समय आ गया है।
आवाज
इंजन से आवाज आना भी है संकेत
ढीले बेल्ट की आवाज अक्सर ढीले पुली या बेयरिंग के कारण आती है, जिन्हें कसने या बदलने की जरूरत होती है। इंजन के आगे से कर्कश आवाज सुनाई दे तो वाटर पंप के टूटने के जोखिम से बचने के लिए गाड़ी की जांच करवाए। इंजन में एक सर्पेन्टाइन बेल्ट होती है, जो फिसल जाए या टूट जाए तो इंजन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए समय रहते इसे बदलना सही निर्णय होता है।
ओवरहीटिंग
ओवरहीट होने लगता है इंजन
ओवरहीटिंग: गेज पर बढ़ता तापमान संकेत देता है कि कार का वाटर पंप अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। अगर, आपको तापमान तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे तो कार को ज्यादा देर तक चलाने से बचें। बोनट से धुआं: हुड के नीचे से भाप निकलती दिखाई दे तो यह इस बात का संकेत है कि वाटर पंप पूरी तरह से खराब हो गया है। वह इंजन में कूलेंट नहीं पहुंचाएगा, जिससे इंजन ज्यादा गर्म होकर भाप बनाता है।