कार केयर टिप्स: कैसे पता करें गाड़ी का बिगड़ गया है व्हील बैलेंस?
कार का संतुलन काफी हद तक टायरों पर ही निर्भर करता है। इसे व्हील बैलेंसिंग, टायर बैलेंसिंग या व्हील अलाइनमेंट भी कहा जाता है। यह व्हील और टायर असेंबली के भीतर वजन का समान रूप से वितरण करता है। इसके अलावा गाड़ी में कंपन कम करने के साथ सस्पेंशन को खराब होने से बचाता है और ड्राइविंग आसान बनाता है। व्हील बैंलेंस बिगड़ने से गाड़ी को नुकसान हो सकता है। जानते हैं कब आपको व्हील बैलेंसिंग कराना जरूरी है।
गाड़ी में होने लगता है वाइब्रेशन
व्हील बैलेंसिंग बिगड़ने के बारे में गाड़ी कुछ ऐसे संकेत देने लगती है, जिससे इसका पता लग जाता है। अलाइनमेंट खराब होने पर कार को तेज गति में ड्राइविंग के दौरान स्टीयरिंग व्हील या सीट वाइब्रेट होने लगती हैं। सड़क पर चलते समय गाड़ी का एक तरफ झुकना भी इसी के कारण होता है। स्टीयरिंग व्हील में वाइब्रेशन, सही नियंत्रण नहीं होना और जल्दी से टायर घिसना या एक तरफ से ज्यादा खराब होना भी इसी तरफ संकेत देता है।
माइलेज कम देना भी एक संकेत
बैलेंस सही नहीं होने पर टायर चलने के दौरान अतिरिक्त प्रतिरोध पैदा करते हैं, जिससे माइलेज कम हो जाता है। ऐसा होने पर समझ जाएं कि व्हील बैलेंसिंग कराने की आवश्यकता है। इसके अलावा टायर गाड़ी चलाते समय अत्यधिक आवाज पैदा करते हैं। साथ ही बिगड़ी व्हील बैलेंसिंग ब्रेकिंग पैड्स को भी तेजी से घिस देती है और सस्पेंशन सिस्टम पर भी अतिरिक्त दबाव डालते हैं। बड़ी परेशानी से बचने के लिए व्हील बैलेंस को दुरुस्त कराने की जरूरत है।