क्या डीजल गाड़ियों से बेहतर है पेट्रोल वाली गाड़ियां? यहां जानिए
गाड़ी लेते समय गौर करने वाली जरूरी बातों में से एक होती कि आपके लिए पेट्रोल कार सही रहेगी या डीजल। गाड़ियों की कीमत, रखरखाव और माइलेज के बीच के अंतर को देखते हुए अकसर कार खरीदारों को इस सवाल का सामना करना पड़ता है कि पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी खरीदनी है या डीजल वाली कार। आइये जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल वाहनों में से कौन-सा वाहन बेहतर है और आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
माइलेज में कौन-सा इंजन है बेहतर?
बता दें कि डीजल इंजन वाली कार की माइलेज पेट्रोल इंजन से ज्यादा होती है। डीजल इंजन में ईंधन को सीधे सिलेंडर में स्प्रे किया जाता है। एक लीटर डीजल एक लीटर पेट्रोल की तुलना में अधिक ऊर्जा पैदा करता है। इसके अलावा डीजल इंजन को स्पार्क प्लग की जरूरत भी नहीं होती है, जो इसके माइलेज को बढ़ाता है। इस वजह से इसमें ईंधन की कम खपत होती है और कार की माइलेज बढ़ जाती है।
अधिक प्रदूषण करती है डीजल गाड़ियां
गाड़ियों से निकलने वाला धुआं एक ऐसी चीज है, जिससे सभी परेशान हैं। डीजल कार से निकलने वाला उत्सर्जन पेट्रोल गाड़ियों से ज्यादा पर्यावरण को प्रदूषित करता है। ग्रीनहाउस गैसों के साथ, डीजल इंजन नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्पन्न करते हैं, जो CO2 की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक हानिकारक होती है। इसी कारण सरकार ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रही है। साथ ही बहुत सी कंपनियों ने भी डीजल गाड़ियों का निर्माण बंद कर दिया है।
परफॉरमेंस में कौन-सा इंजन है बेहतर?
डीजल इंजन पेट्रोल इंजन की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं, जिससे यह इंजन अधिक टॉर्क जनरेट करता है और इसलिए ये कारें आसान ड्राइव का अनुभव देती हैं। दूसरी ओर डीजल से चलने वाली कारों में शोर और कंपन पेट्रोल से चलने वाली कारों की तुलना में बहुत अधिक होता हैं, जो आपके ड्राइविंग अनुभव को खराब कर सकता है। पेट्रोल इंजन में कम्प्रेशन अनुपात के कारण पावर कम होती है, जबकि डीजल इंजनों में यह अधिक होती है।
किसका मेंटेनेंस है अधिक?
गाड़ियों की मेंटेनेस लागत आपके महीने भर के बजट को बिगाड़ सकती है। अगर गाड़ी को बार-बार ठीक करवाना पड़े तो यह काफी खर्चीला साबित हो सकता है। डीजल कारों की मेंटेनेंस लागत पेट्रोल कारों से ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डीजल वाहनों में इस्तेमाल होने वाले इंजन ऑयल और स्पेयर अधिक महंगे होते हैं। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल इंजन की लाइफ डीजल इंजन से ज्यादा होती है।
कीमत
कीमत के मामले में कारों के डीजल वेरिएंट की कीमत पेट्रोल वेरिएंट से ज्यादा होती है। 10 लाख से कम कीमत वाली कारों में डीजल और पेट्रोल वेरिएंट की शोरूम कीमत में 1 से 1.5 लाख तक का अंतर पाया जाता है। वहीं इनकी ऑन-रोड कीमत में अंतर और भी ज्यादा होता है। ऐसा डीजल कार में लगे रजिस्ट्रेशन शुल्क की वजह से होता है। BS6 फेज-II मानदंड लागू होने के बाद से यह अंतर और अधिक हो गया है।
अधिक दिनों तक चला सकते हैं पेट्रोल वाली गाड़ियां
सरकार द्वारा पिछले साल लागू किए गए नियम के अनुसार, किसी भी पेट्रोल गाड़ी का इस्तेमाल 15 सालों तक किया जा सकता है। वहीं डीजल कार को आप 10 सालों तक चला सकते हैं। ऐसे में अगर आप किसी ऐसी गाड़ी की तलाश कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अधिक दिनों तक कर सकते हैं तो आपको पेट्रोल गाड़ी लेनी चाहिए। वहीं अगर आप बेहतर माइलेज और परफॉरमेंस की तलाश कर रहे हैं तो डीजल गाड़ी आपके लिए बेहतर है।