2030 से सिर्फ इलेक्ट्रिक कार बनाएगी लग्जरी वाहन निर्माता रोल्स रॉयस
फॉक्सवैगन, बेंटले और जगुआर लैंड रोवर के बाद लग्जरी कार निर्माता रोल्स रॉयस ऑल-इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों में शामिल हो गई है। ग्राहकों के इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट की ओर बढ़ते रुझान और पर्यावरण में वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाले नुकसान को देखते हुए रोल्स रॉयस ने 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का निर्णय लिया है। इसके लिए कंपनी की ऑल-इलेक्ट्रिक कार "स्पेक्टर" को 2023 की चौथी तिमाही तक बाजार में लाया जाएगा।
कंपनी ने क्या कहा?
रोल्स रॉयस के CEO ने कहा कि इस नए EV के साथ कंपनी विद्युतीकरण के प्रति अपने मजबूत संकल्प को दिखाती है। इस नए उत्पाद के साथ कंपनी ने अपने पूरे प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को फुली इलेक्ट्रिफाइ करने के लिए 2030 तक का समय निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि तब तक रोल्स-रॉयस आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाले उत्पादों का उत्पादन या बिक्री नहीं करेगी। फिलहाल, कंपनी अपने इलेक्ट्रिक कार स्पेक्टर की टेस्टिंग की तैयारियों में लगी है।
अंतिम तारीख को लेकर है कंफ्यूजन
कंपनी को पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाइ करने को लेकर अभी कोई निश्चित समय समाने नहीं आया है। एक तरफ जहां रोल्स रॉयस अपने विद्युतीकरण लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक निश्चित तारीख निर्धारित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वहीं, दूसरी तरफ इसकी मूल कंपनी BMW ने अभी तक कोई खास साल को नहीं चुना है, जहां से वह ICE उत्पादों के निर्माण को रोकने की योजना बना रही हो।
इलेक्ट्रिक कार स्पेक्टर को नये फीचर्स से साथ किया जाएगा पेश
रोल्स रॉयस की नई इलेक्ट्रिक कार स्पेक्टर अनुपात और बॉडी स्टाइल के मामले में काफी हद तक रोल्स रॉयस के मॉडल रेथ के समान है। इसमें एनर्जी सेविंग करने वाले एयरोडायनमिक व्हील्स भी हैं। कार में बेहतरीन मटेरियल का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो रोल्स रॉयस के बाकी कारों की तरह होगा। इतना ही नहीं, कार में BMW ग्रुप की नई बैटरी सिस्टम और EV तकनीक को भी जोड़ा गया है। कार में पर्याप्त ड्राइविंग रेंज होने की उम्मीद है।
25 लाख किलोमीटर तक की गई है स्पेक्टर की टेस्टिंग
रोल्स रॉयस ने घोषणा की है कि कार को 2.5 मिलियन किलोमीटर (25 लाख किमी) तक टेस्ट किया गया है, जो सामान्य रोल्स रॉयस कार के 400 सालों के औसत उपयोग के बराबर है। इसके साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में कार की टेस्टिंग की जाएगी। टेस्टिंग का इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अलग-अलग इलाकों, तापमान और ऊंचाई पर इस कार को ड्राइव करने में कोई दिक्कत न आए।