कार के रंग का रीसेल कीमत पर क्या पड़ता है असर?
क्या है खबर?
कार खरीदते समय लोग डिजाइन और फीचर्स के साथ रंग पर भी ध्यान देते हैं, लेकिन कई बार उन्हें यह नहीं पता होता कि कार का रंग उसकी रीसेल वैल्यू पर भी असर डालता है। बाजार में कुछ रंग जल्दी बिकते हैं, जबकि कुछ रंगों की मांग कम होती है। इसी कारण कई खरीदार कार के रंग को भविष्य की कीमत से जोड़कर भी देखते हैं और रंग चुनने से पहले सोचते हैं।
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लोकप्रिय रंगों की अधिक कीमत मिलती है
सफेद, सिल्वर, ग्रे और काले जैसे सामान्य रंग बाजार में तेजी से बिकते हैं, इसलिए इन रंगों वाली कारों की रीसेल वैल्यू भी अक्सर बेहतर रहती है। इन सभी रंगों की मांग लगभग हर शहर में लगभग समान रहती है, जिससे बेचते समय खरीदार तुरंत मिल जाते हैं। लोग इन्हें सुरक्षित विकल्प मानते हैं, इसलिए ऐसे रंगों में बनी कारों का मूल्य गिरावट भी काफी कम देखने को मिलता है।
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कम मांग वाले रंगों पर असर
लाल, पीला, हरा या बहुत चमकीले रंग सीमित लोगों को पसंद आते हैं, इसलिए इन कारों की रीसेल वैल्यू थोड़ी कम हो जाती है। ऐसे रंगों में खरीदार कम मिलते हैं और कार बेचने में समय भी ज्यादा लग सकता है। कई लोग अलग रंग होने के कारण कार को बाद में मॉडिफाई करने से भी बचते हैं, इसलिए इन रंगों वाली कारों का बाजार मूल्य अक्सर सामान्य रंगों की तुलना में कम रहता है।
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रंग की देखभाल और लुक भी है मायने
कार के रंग की देखभाल भी उसकी कीमत पर असर डालती है। गहरे रंगों में स्क्रैच जल्दी दिखते हैं, जबकि हल्के रंग साफ दिखते हैं और ज्यादा समय अच्छा लुक बनाए रखते हैं। सही पॉलिश और कोटिंग से किसी भी रंग की कीमत बेहतर बनी रह सकती है। अंत में, कार का रंग उसकी रीसेल वैल्यू तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और खरीदार इस बात को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं।