
बाइक्स के लिए कितना फायदेमंद है ट्रैक्शन कंट्रोल? जानिए कैसे करता है काम
क्या है खबर?
ट्रैक्शन कंट्रोल फीचर मोटरसाइकिल्स में सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए एक जरूरी सुविधा बन गई है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जिसे गति बढ़ाने पर आपके पिछले पहिये को अनियंत्रित रूप से घूमने से रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। आसान शब्दों में कहें तो यह आपकी बाइक को सड़क पर पकड़ खोने से रोककर फिसलने से बचाता है। कई लोगों में इस सुविधा को लेकर भ्रम की स्थिति है। आइये जानते हैं यह फीचर कैसे काम करता है।
ट्रैक्शन कंट्रोल
कैसे काम करता है ट्रैक्शन कंट्रोल?
ट्रैक्शन कंट्रोल कई सेंसर्स और इलेक्ट्रिक कंट्रोल यूनिट (ECU) के जरिए काम करता है। व्हील स्पीड सेंसर दोनों पहियों पर लगे होते हैं। पहियों की गति की लगातार तुलना करके ECU बता सकता है कि क्या पिछला पहिया आगे वाले की तुलना में तेजी से घूम रहा है, जिससे फिसलन का संकेत मिलता है। फिसलन का पता चलने पर सिस्टम हस्तक्षेप करता है। यह ईंधन इंजेक्शन या इग्निशन कम कर सकता है या थ्रॉटल प्रतिक्रिया को समायोजित कर सकता है।
एडवांस
ऐसा है एडवांस सिस्टम
कुछ एडवांस सिस्टम्स इंजन टॉर्क को धीरे-धीरे कम करने के लिए राइड-बाय-वायर थ्रॉटल बॉडी का भी उपयोग करती हैं। महंगी बाइक्स में ट्रैक्शन कंट्रोल को अक्सर एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम (ABS) यूनिट, इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट (IMU) और कभी-कभी सस्पेंशन इलेक्ट्रॉनिक्स से भी जोड़ा जाता है, ताकि यह प्रक्रिया और भी सहज हो सके। बाइक सवार के दृष्टिकोण से ट्रैक्शन कंट्रोल का फायदा तब तक नजर नहीं आता, जब तक कि यह आपको दुर्घटना से बचा न ले।
फायदे-नुकसान
क्या हैं इस फीचर के फायदे-नुकसान?
नए राइडर्स के लिए यह मोटरसाइकिल को फिसलने से रोककर दुर्घटना की संभावना को कम करता है, जबकि अनुभवी राइडर्स के लिए अप्रत्याशित परिस्थितियों में अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करता है। राइडर्स को बिना किसी डर के तेज रफ्तार से बाइक चलाने की अनुमति भी देता है। यह फीचर होने पर गीली सड़क पर राइडर ज्यादा आत्मविश्वास से बाइक चला सकते हैं। नुकसान की बात करें तो ये महंगी होती है और मरम्मत पर भी ज्यादा खर्चा आता है।