
सरकार ने जारी की EV चार्जिंग स्टेशन सब्सिडी की गाइडलाइन, जानिए किन्हें मिलेगी
क्या है खबर?
भारी उद्योग मंत्रालय ने PM E-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार, केंद्र सरकार के मंत्रालय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSEs) या सरकार के अधीन स्वायत्त निकाय, साथ ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। सब्सिडी देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिसमें 72,300 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और बैटरी चार्जिंग स्टेशन शामिल हैं।
प्राथमिकता
कहां स्थापित होंगे ये चार्जर?
यह सब्सिडी इंफ्रास्ट्रक्चर लागतों के लिए होगी, लेकिन कुछ मामलों में यह EV सप्लाई इक्विपमेंट (EVSE) लागतों के लिए भी दी जा सकती है। इसकी गणना ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के प्रकाशित बेंचमार्क लागतों या वास्तविक लागतों में से जो भी कम हो, उसके प्रतिशत के रूप में की जाएगी। योजना में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों, प्रमुख महानगरों, राज्यों की राजधानियों, प्रमुख राजमार्गों से जुड़े शहरों और कस्बों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को प्राथमिकता दी है।
दायरा
इन स्थानों पर स्थापित हो सकेंगे चार्जिंग स्टेशन
सरकारी भवनों- कार्यालयों, आवासीय परिसरों, अस्पतालों और स्कूलों में स्थापित चार्जिंग स्टेशन और EVSE दोनों पर 100 फीसदी सब्सिडी मिलेगी, लेकिन केवल तभी जब चार्जर सार्वजनिक उपयोग के लिए फ्री हों। राज्य और केंद्र सरकार की संस्थाओं के स्वामित्व, नियंत्रण या प्रबंधन वाले स्थल- पेट्रोल पंप, हवाई अड्डे, बस/मेट्रो स्टेशन, बंदरगाह और NHAI टोल प्लाजा जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं। इन्हें अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 80 और EVSE के लिए 70 फीसदी सब्सिडी मिलेगी।
सब्सिडी
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
सरकार शहरों, गलियों, शॉपिंग मॉल और बाजार में स्थित चार्जिंग स्टेशनों पर 80 फीसदी की सब्सिडी देगी, वहीं बैटरी स्वैपिंग स्टेशन या बैटरी चार्जिंग स्टेशन पर भी इतना ही प्रोत्साहन मिलेगा। अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लागत 50kW तक के चार्जर के लिए 6.04 लाख रुपये से लेकर 150kW से अधिक के चार्जर के लिए 24 लाख रुपये तक होती है। EVSE के लिए 50kW CCS-II चार्जर की लागत 7.25 लाख रुपये है, जबकि 100kW चार्जर की 11.68 लाख रुपये है।