
SUV का चलन बढ़ने के बाद भी रहेगा हैचबैक का अस्तित्व, FADA ने किया दावा
क्या है खबर?
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने GST 2.0 लागू होने के बाद एंट्री-लेवल छोटी कारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई है। ऑटोमोबाइल डीलर्स के संगठन के अनुसार, ऑटो उद्योग में SUV के वैश्विक चलन के बावजूद हैचबैक कारें अपनी प्रासंगिकता बनाए रखेंगी। छोटी कारों में अग्रणीय देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी को भी GST दर में कटौती के बाद इस सेगमेंट में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है।
कारण
FADA ने बताया क्यों जिंदा रहेंगी हैचबैक कारें?
FADA के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर ने PTI से बातचीत में कहा, "उद्योग में SUV की वृद्धि हो रही है। ऐसा, इसलिए नहीं है कि भारत में सड़कें खराब हैं।" उन्होंने कहा कि SUV आराम, स्टाइल और सुरक्षा का एक बड़ा स्रोत हैं, लेकिन हैचबैक कारों का अपना अलग स्थान होगा, क्योंकि कुछ लोग अभी भी इन कारों की चाहत रखते हैं। दूसरा मुख्य कारण यह है कि कई निर्माता इस सेगमेंट में कई उत्पाद पेश कर रहे हैं।
बिक्री
एंट्री-लेवल कारों की बिक्री पर पड़ा असर
संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि हैचबैक कारें रहेंगी और SUV भी रहेंगी, लेकिन सेडान कार बाजार सिकुड़ रहा है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2025 तक एंट्री-लेवल की छोटी कारों की थोक बिक्री 60 प्रतिशत से अधिक घटकर 3.7 लाख से 1.44 लाख रह गई है। दूसरी ओर, इस अवधि के दौरान कुल कारों की थोक बिक्री 28.5 प्रतिशत बढ़कर 33.77 लाख से बढ़कर 43.38 लाख हो गई।
GST
GST में कितनी हुई है कटौती?
सरकार ने 22 सितंबर से कारों पर नई GST दरें लागू कर दी हैं। इसके तहत 1,200cc इंजन क्षमता और 4,000mm तक लंबी पेट्रोल और पेट्रोल हाइब्रिड, LPG, CNG कारें पर दर 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई। इसी के साथ 1,500cc क्षमता और 4,000mm से लंबी डीजल और डीजल हाइब्रिड कारों पर भी इतनी ही कमी की गई है। दूसरी तरफ लग्जरी कारें और बड़ी हाइब्रिड कारों पर दर 28 से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दी गई।