टेस्ला की मांग को केंद्र ने किया खारिज, नहीं होगी आयात शुल्क में कटौती
साल 2019 में टेस्ला कारों की भारत में लॉन्चिंग की बात कही गई थी, लेकिन अब तक इसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। टेस्ला आयत शुल्क को कम करने की लगातार सरकार पर दबाव बना रही थी, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकार ने आयात शुल्क कम करने से पहले टेस्ला के सामने स्थानीय वेंडरों से खरीद बढ़ाने को कहा था। आइये जानते हैं इस बारे में क्या कुछ पता चला है।
टेस्ला ने रखी थी यह मांग
टेस्ला ने भारत में लगने वाली आयात शुल्क में छूट की मांग रखी थी। कंपनी ने कहा है कि 40,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक के कस्टम ड्यूटी वाले जीरो एमिशन वाहनों पर 110 प्रतिशत का आयात शुल्क उचित नहीं है। इसलिए निर्माता ने सरकार से अनुरोध किया था कि इलेक्ट्रिक कारों पर सीमा शुल्क टैरिफ को 40 प्रतिशत तक कम किया जाए और इलेक्ट्रिक कारों पर 10 प्रतिशत लगने वाला सोशल वेल्फेयर चार्ज भी वापस लिया जाए।
टैक्स में छूट देने से नहीं जाएगा अच्छा संकेत- सूत्र
सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार किसी ऑटो कंपनी को ऐसी रियायतें नहीं दे रही है और टेस्ला को टैक्स बेनेफिट देने से भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने वाली कंपनियों को अच्छा संकेत नहीं जाएगा। बता दें कि भारत में 40,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 60 प्रतिशत और इससे ऊपर के लिए 100 प्रतिशत है। टेस्ला ने आयात शुल्क को घटाकर 40 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है।
सरकार ने क्यों खारिज की टेस्ला की मांग?
सरकार ने आयात शुल्क कम करने से पहले टेस्ला के सामने स्थानीय वेंडरों से खरीद बढ़ाने और विनिर्माण योजनाओं को साझा करने की शर्त रखी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला की तरफ से निर्माण योजनाओं की कोई जानकारी नहीं दी गई है और इस वजह से सरकार टेस्ला की आयात शुल्क कम करने की मांग को खारिज कर दिया है। बता दें कि बजट 2022 में भी आयात शुल्क में छूट की कोई घोसणा नहीं हुई है।
सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने दिया यह बयान
इस बारे में बात करते हुए सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने कहा, " टेस्ला को महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू कंपनियों का अनुसरण करना चाहिए, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्थानीय निर्माण में निवेश कर रही हैं।" उन्होंने कहा कि ऐसी कई कंपनियां हैं जो इसी आयात शुल्क के साथ भारत में अपने वाहन बेच रहीं है और करोड़ों रुपये निवेश भी कर रही हैं।
टेस्ला ने निवेश का किया है वादा
टेस्ला ने दावा किया कि उसने भारत से वाहनों से संबंधित सामान के लिए अब तक 100 मिलियन डॉलर (लगभग 7.4 अरब रुपये) की खरीदारी की है और सुझाव दिया है कि किसी भी टैक्स रियायत के बाद यह आंकड़ा और बढ़ेगा। इसके अलावा रिपोर्ट्स से पता चलता है कि टेस्ला इंस्ट्रूमेंट पैनल, विंडशील्ड, गियर, पावर सीट और डिफरेंशियल जैसे जरूरी उपकरणों के लिए कम से कम तीन भारतीय सप्लायर के साथ भी बातचीत कर रही है।
पांच राज्यों से मिल चुके हैं साझेदारी के प्रस्ताव
लगभग पांच राज्यों के नेताओं ने टेस्ला के CEO एलन मस्क को भारत में आने और उनके साथ साझेदारी करने का प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मस्क ने भारत में आने की बात पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि इसमें उन्हे अभी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल सितंबर में ही केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय ने टेस्ला के सभी चार मॉडलों के लिए होमोलॉगेशन चरण को मंजूरी दी थी।