#NewsBytesExplainer: क्या है STC, जिसे लेकर भिड़ गए सऊदी अरब और UAE? जानें पूरा विवाद
क्या है खबर?
खाड़ी क्षेत्र में एक-दूसरे के करीबी सहयोगी रहे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में इन दिनों तनाव है। इसकी शुरुआत 30 दिसंबर को हुई थी, जब सऊदी ने यमन के मुकाला पोर्ट पर बमबारी की थी। सऊदी का कहना है कि उसने 2 जहाजों को निशाना बनाया, जो UAE से हथियार लेकर यमन आए थे। हालांकि, UAE ने इन आरोपों को नकारा है। आइए पूरा विवाद समझते हैं।
शुरुआत
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
30 दिसंबर को सऊदी अरब ने यमन में मुकाला पोर्ट पर बमबारी की। सऊदी के मुताबिक, उसने 2 जहाजों को निशाना बनाया, जो UAE के फुजैराह पोर्ट से आ रहे थे। सऊदी का कहना है कि इन दोनों जहाजों से पोर्ट पर हथियार और सैन्य वाहन उतारे जा रहे थे। सऊदी ने बताया कि ये हथियार सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) नाम के अलगाववादी समूह के पास जाने वाले थे। जिन जहाजों से हथियार आए, उनका ट्रैकिंग सिस्टम भी बंद था।
बयान
हमले को लेकर सऊदी ने क्या कहा?
सऊदी सेना के अनुसार, "ये जहाज UAE के फुजैराह से आए थे। चालक दल ने जहाजों पर लगे ट्रैकिंग सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया था और STC बलों के समर्थन में बड़ी मात्रा में हथियार और युद्धक वाहन उतारे थे। यह देखते हुए कि उपर्युक्त हथियार खतरा पैदा करते हैं और शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाले तनाव पैदा करते, इसलिए वायु सेना ने हथियारों और सैन्य वाहनों को निशाना बनाकर एक सीमित हवाई हमला किया।"
UAE
सऊदी के आरोपों पर UAE का क्या कहना है?
UAE ने हमले पर हैरानी जताई है। UAE ने सऊदी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिस जहाज पर हमला किया गया, उसमें कोई हथियार नहीं, बल्कि वह UAE की सेना के लिए रसद और सामान था। UAE ने कहा कि इस सामान के बारे में सऊदी को पहले से पता था और इन्हें सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन से बातचीत के बाद ही भेजा गया था।
STC
अब STC के बारे में जानिए
UAE और सऊदी अरब के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह STC है, जो दक्षिणी यमन का सबसे शक्तिशाली समूह है। इसकी स्थापना 2017 में उन सभी समूहों को मिलाकर हुई थी, जो दक्षिणी यमन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में बहाल करना चाहते हैं। इनका दक्षिणी यमन के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा है। दरअसल, 1990 से पहले यमन उत्तरी और दक्षिणी यमन में बंटा हुआ था। दोनों के एकीकरण के बावजूद अभी भी अलगाव की भावना बरकरार है।
विवाद
STC को लेकर क्या है विवाद?
माना जाता है कि STC को UAE का समर्थन मिला हुआ है। हाल ही में STC ने यमन में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए। उसके लड़ाकों ने हद्रामौत और अल-मह्रा जैसे तेल और गैस-समृद्ध इलाकों पर कब्जा कर लिया है। इस वजह से यमन सरकार के सुरक्षा बलों को पीछे हटना पड़ा। 15 दिसंबर को STC ने अबयान के पहाड़ी इलाकों में हमला किया। इसके जवाब में सऊदी अरब ने हद्रामौत के वादी नहाब इलाके में हवाई हमले किए।
विशेषज्ञ
क्या दोनों देशों में बढ़ेगा तनाव?
चैथम हाउस के मध्य-पूर्व की शोधकर्ता फारेया अल-मुस्लिमी ने द गार्जियन से कहा, "ये घटनाएं संकेत देती हैं कि स्थिति एक विशेष रूप से खतरनाक दौर में प्रवेश कर रही है। यह घटनाक्रम कतर से जुड़े 2017 के खाड़ी संकट की भयावह समानता भी दर्शाता है, जब सऊदी अरब और UAE ने एक बड़े राजनयिक संबंध विच्छेद को अंजाम दिया था, जिसने क्षेत्रीय संबंधों को कई वर्षों तक अस्थिर कर दिया था।"