#NewsBytesExplainer: क्या इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू जाएंगे जेल, राष्ट्रपति से क्यों मांग रहे माफी?
क्या है खबर?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति इसाक हर्जोग से माफी मांगी है। ये मामला नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के एक मामले से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति से सालों से चले आ रहे मुकदमे को खत्म करने का अनुरोध किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इजरायली राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नेतन्याहू के पक्ष में माफी की अपील की है। आइए समझते हैं पूरा मामला क्या है।
मुकदमे
नेतन्याहू पर 3 अलग-अलग मामले दर्ज
नेतन्याहू के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और घूस लेने के 3 अलग-अलग मामले दर्ज हैं। इन्हें केस 1000, 2000 और 4000 कहा जाता है। नेतन्याहू पर आरोप हैं कि उन्होंने अरबपतियों और राजनीतिक लाभार्थियों से बहुमूल्य उपहार स्वीकार किए। उन्होंने अपने सार्वजनिक पद का उपयोग एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी को लाभ प्रदान करने के लिए किया। उन्होंने एक मीडिया प्रकाशक से अपने पक्ष में कवरेज के लिए बातचीत की कोशिश की।
मामले
हर मामले को विस्तार से जानें
केस 1,000 नेतन्याहू पर हॉलीवुड प्रोड्यूसर अर्नोन मिलचन और ऑस्ट्रेलियाई अरबपति जेम्स पैकर से महंगे गिफ्ट लेने से संबंधित है। इसके बदले नेतन्याहू ने उन्हें राजनीतिक लाभ दिया। केस 2,000 के तहत नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने येडियोट अहरोनोत अखबार से अपने लिए सकारात्मक खबरों का सौदा किया। केस 4,000 में नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने बीजेक नाम की टेलिकॉम कंपनी को लाभ पहुंचाया और इसके बदले कंपनी के न्यूज वेबसाइट पर अपने पक्ष में खबरें छपवाईं।
कार्यवाही
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है?
इजरायली न्याय मंत्रालय द्वारा 2019 में इस संबंध में आरोप घोषित किए गए थे। मई, 2020 से औपचारिक तौर पर मुकदमा शुरू हुआ है। अब तक पुलिस, व्यापार, मीडिया और राजनीति से जुड़े अनेक लोगों की गवाही और पेशी हो चुकी है। खुद नेतन्याहू भी कई बार गवाही दे चुके हैं। हालांकि, हमास के साथ युद्ध, राजनीतिक गतिरोध, चुनाव और नेतन्याहू के वकीलों द्वारा बार-बार स्थगन के अनुरोध के कारण यह मामला लंबा खिंच गया है।
माफी
नेतन्याहू ने माफी अनुरोध में क्या तर्क दिए हैं?
नेतन्याहू की कानूनी टीम ने राष्ट्रपति को 111 पन्नों का औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। इसमें न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही क्षमादान की मांग की। नेतन्याहू ने तर्क दिया कि ऐसा करने से आंतरिक संघर्ष कम करने में मदद मिलेगी और इजरायल के सामूहिक हितों में सकारात्मक योगदान मिलेगा। नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी कर कहा, "मुझे उम्मीद है कि देश का भला चाहने वाला हर व्यक्ति इस कदम का समर्थन करेगा।"
अधिकार
क्या राष्ट्रपति के पास नेतन्याहू को माफ करने का अधिकार है?
नेतन्याहू दोषी साबित हुए बिना ही क्षमादान की मांग कर रहे हैं। इजरायल के इतिहास में इसे एक अभूतपूर्व और असाधारण मामला माना जा रहा है। इजरायल में राष्ट्रपति की तरफ से क्षमादान कभी भी सजा से पहले नहीं दिए गए हैं। अगर राष्ट्रपति नेतन्याहू को माफी दे देते हैं तो बिना दोष स्वीकार किए भ्रष्टाचार के मामले में किसी नेता को अग्रिम क्षमादान देना एक ऐतिहासिक और विवादित कदम होगा। इस पर काफी विवाद होने की भी आशंका है।
विशेषज्ञ
क्या कहते हैं कानूनी जानकार?
इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट की संवैधानिक विशेषज्ञ सुजी नवोट ने द गार्डियन से बात करते हुए कहा, "यह रिश्वत के लिए चल रही आपराधिक प्रक्रिया को रोक देना होगा। इसका 1986 के शिन बेट मामले से कोई संबंध नहीं है। नेतन्याहू अब कानून से ऊपर उठना चाहते हैं।" 1986 में खुफिया एजेंसी शिन बेट के अधिकारियों को आरोप तय होने से पहले ही माफी मिल गई थी। अधिकारियों पर 2 फिलिस्तीनी युवाओं की हत्या छिपाने का आरोप था।
विपक्ष
क्या कह रहा है इजरायल का विपक्ष?
विपक्षी नेता यायर लापिड ने कहा कि नेतन्याहू को तब तक माफ नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि वह अपना अपराध स्वीकार नहीं कर लेते और तुरंत राजनीतिक जीवन से हट नहीं जाते। पूर्व सैन्य प्रमुख गादी आइजेनकोट ने कहा, "नेतन्याहू, इजरायल कानून के शासन से चलने वाला राज्य है। आम नागरिकों के लिए एक कानूनी व्यवस्था और आपके लिए दूसरी व्यवस्था नहीं हो सकती।" इजरायल के निगरानी समूह और चिंतक भी माफी का विरोध कर रहे हैं।
ट्रंप का बयान
ट्रंप की धमकी- सजा हुई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे
इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पूरी तरह से नेतन्याहू के साथ खड़े हैं। ट्रंप ने कहा था, 'नेतन्याहू के साथ जो हो रहा है, वो बेहद गलत है। वो एक जंग के हीरो हैं और अमेरिका के साथ मिलकर उन्होंने ईरान के खतरनाक परमाणु कार्यक्रम को रोकने में शानदार काम किया है। ये पागलपन है और न्याय का मजाक है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। नेतन्याहू को मुक्त किया जाना चाहिए, उनके पास और भी बड़े काम हैं।'