अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 कई मायनों में क्यों रहा है ऐतिहासिक?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब मतगणना चल रही है। अब तक की गणना के बाद पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 267 इलेक्टोरल वोट अपने नाम कर चुके हैं, जबकि मौजूदा उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार कमला हैरिस को 224 वोट मिले हैं। अब भले ही नतीजा कुछ भी रहे, लेकिन यह चुनाव इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है। आइए जानते हैं आखिर यह चुनाव क्यों ऐतिहासिक है।
गैर-लगातार कार्यकाल वाले दूसरे राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
चुनाव में ट्रंप की जीत के साथ ही वह गैर लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति बनने वाले अमेरिकी इतिहास के दूसरे राष्ट्रपति होंगे। वह 2016 से 2020 तक राष्ट्रपति रहे थे और 2020 में उन्हें जो बाइडन से हार मिली थी। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड ने यह उपलब्धि हासिल की थी। वह पहली बार 1885-1889 तक राष्ट्रपति रहे थे, लेकिन 1889 में उन्हें हार मिली थी। उसके बाद 1893-1897 तक वह दोबारा राष्ट्रपति बने थे।
अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
जीत की स्थिति में ट्रंप अमेरिका के इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। अभी वह 78 साल के हैं, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा करने के दौरान वह 83 साल के होने के साथ सबसे उमद्रराज राष्ट्रपति बन जाएंगे। वर्तमान में आगामी 20 नवंबर को 82 साल के होने वाले जो बाइडन सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं। अपनी उम्र और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताए जाने के बाद उन्होंने इस बार दोबारा चुनाव न लड़ने का फैसला किया था।
राष्ट्रपति बनने वाले पहले दोषी अपराधी होंगे ट्रंप
ट्रंप कानूनी अभियोग के तहत पद पर बने रहने वाले अमेरिका के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे। उन्हें मई में न्यूयॉर्क की एक जूरी ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को उनके कथित संबंध के बारे में चुप कराने की एवज में भुगतान करने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी के 34 मामलों में दोषी पाया था। इसके हर मामले में 4 साल जेल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में सजा सुनाने की तारीख 26 नवंबर निर्धारित है।
2 बार महाभियोग का सामना करने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
ट्रंप अमेरिकी इतिहास में एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति बनेंगे, जिन्हें अपने कार्यकाल के दौरान 2 बार महाभियोग की कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। महाभियोग किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ गलत काम करने के आरोप लगाने की प्रक्रिया है। अगर सुनवाई के दौरान दोषी पाया जाता है, तो अधिकारी को पद से हटाया जा सकता है। ट्रम्प पर पहली बार 2019 में यूक्रेन के साथ उनके व्यवहार को लेकर सदन द्वारा महाभियोग लगाया गया था।
सीनेट ने 2020 में ट्रंप को किया था बरी
साल 2019 में ट्रंप पर चुनाव जीतने के लिए देश से अनुचित तरीके से मदद मांगने के आरोप लगे थे। आरोपों को पारित करने के बावजूद सीनेट ने उन्हें 2020 में बरी कर दिया था। दूसरा महाभियोग 2021 में तब आया जब हिंसक भीड़ ने US कैपिटल पर हमला कर दिया था। ट्रंप पर विद्रोह भड़काने का आरोप लगाया गया, लेकिन फिर से सीनेट ने उन्हें बरी कर दिया। हालांकि, इस बार वह पद छोड़ने के बाद बरी हुए थे।
अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होती हैरिस
चुनाव में अगर हैरिस को जीत मिलती तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होती। अपने 248 साल के इतिहास में अमेरिका ने 46 राष्ट्रपति चुने हैं, जिनमें से एक बराक ओबामा को छोड़कर सभी श्वेत पुरुष थे। इसी तरह हैरिस के जीतने पर वह अमेरिका की पहली महिला अश्वेत राष्ट्रपति भी होतीं। वह दक्षिण एशियाई मूल की पहली राष्ट्रपति भी बनती। 60 वर्षीय हैरिस जमैका और भारतीय प्रवासियों की बेटी हैं और युवावस्था में ही अमेरिका चली गईं थीं।
डग एमहॉफ बनते पहले राष्ट्रपति पति
हैरिस की जीत की सूरत में उनके पति डग एमहॉफ देश के पहले महिला राष्ट्रपति पति बनते। हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने के दौरान एमहॉफ पहले उपराष्ट्रपति पति बने थे। इसी तरह हैरिस, रिचर्ड निक्सन के बाद कैलिफोर्निया से आने वाली दूसरी राष्ट्रपति होती। निक्सन को अमेरिका का 37वां राष्ट्रपति चुना गया था। इससे पहले वह कैलिफोर्निया से अमेरिकी प्रतिनिधि और अमेरिकी सीनेटर के रूप में कार्य कर चुके थे। वे 1969 से 1974 तक राष्ट्रपति रहे थे।