कौन हैं भारतीय मूल की नर्स लीलाम्मा लाल, जिनको अमेरिका में पीटा गया?
क्या है खबर?
अमेरिका में फ्लोरिडा राज्य के पाम बीच काउंटी स्थित पाम्स वेस्ट अस्पताल में एक मरीज के हमले से बुरी तरह घायल हुईं 67 वर्षीय भारतीय मूल की अमेरिकी नर्स लीलाम्मा लाल जिंदगी और मौत से लड़ रही हैं।
अपने जीवन के 20 वर्ष मरीजों की सेवा में देने वाली लाल को अस्पताल के एक मरीज ने इतना पीटा कि उनको गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में भर्ती कराना पड़ा।
आइए जानते हैं कौन हैं लीलाम्मा लाल और हमले का कारण?
घटना
क्या है मामला?
लाल रोज की तरह अस्पताल में भर्ती 33 वर्षीय मरीज स्टीफन स्कैन्टलबरी की जांच कर रही थीं, तभी वह लाल पर कूद गया और तेज मुक्के उनके चेहरे पर मारे।
लाल को उसने इतना पीटा कि उनकी चेहरे की हड्डियां टूट गईं और आंखों में भी चोट पहुंची। उनको तुरंत पाम बीच के सेंट मैरी मेडिकल सेंटर के ICU में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों का कहना है कि उनको मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ है और रोशनी जाने का खतरा है।
मरीज
कौन है मरीज स्टीफन, जिसने किया नर्स लाल पर हमला?
स्कैन्टलबरी एक मानसिक रोगी है, जो 'बेकर एक्ट होल्ड' पर था। इसका अर्थ है कि मानसिक स्वास्थ्य संकट के बाद उसे अनैच्छिक रूप से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके ऊपर घृणा अपराध बनाने और दूसरे दर्जे के हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। उसने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया है।
उसने पुलिस को बयान दिया, "भारतीय बुरे हैं। मैंने अभी-अभी एक भारतीय डॉक्टर की पिटाई की है।"
पहचान
कौन हैं भारतीय मूल की नर्स लीलाम्मा लाल?
भारतीय मूल की नर्स लीलाम्मा लाल पिछले 20 सालों से नर्स के तौर पर काम कर रही हैं। उनकी बेटी सिंडी जोसेफ का कहना है कि यह हमला उनके जीवन को बदल देगा।
उन्होंने बताया कि उनकी मां ने अपना पूरा करियर अस्पताल को समर्पित कर दिया है, अस्पताल में जो कुछ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि वह व्यवस्था से काफी नाराज हैं और जो कुछ भी हुआ वो नहीं होना चाहिए था।
नाराजगी
नर्स एसोसिएशन में नाराजगी
लाल पर हमले के बाद दक्षिण फ्लोरिडा के भारतीय नर्स एसोसिएशन ने घटना की निंदा की है और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कड़ी सुरक्षा की मांग की है।
बता दें कि, लाल पर हमले से एक सप्ताह पहले ही ब्रिटेन में भी भारतीय मूल की एक अन्य नर्स अचम्मा चेरियन पर हमला हुआ था।
नर्स एसोसिएशन के अलावा हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी हमले की निंदा करते हुए बयान दिया कि अमेरिका में भारत विरोधी बयानबाजी बढ़ रही है।