भारत पर अमेरिका का 50 प्रतिशत टैरिफ खत्म होगा? 3 डेमोक्रेटिक सांसदों ने उठाया बड़ा कदम
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ अब खत्म हो सकता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के 3 सांसद और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा सदस्यों ने ट्रंप द्वारा भारत पर लागू टैरिफ व्यवस्था को एक नई चुनौती देते हुए एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें उस राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा को रद्द करने की मांग की गई है, जिसके तहत भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। उन्होंने टैरिफ को अवैध और प्रतिकूल करार दिया है।
प्रस्ताव
इन सांसदों ने पेश किया प्रस्ताव
यह प्रस्ताव नॉर्थ कैलोरिना के सांसद डेबोरा रॉस, टेक्सास सांसद मार्क वीजी और इलियॉन सांसद राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में पेश किया गया है। यह कदम सीनेट में पेश किए गए एक द्विदलीय प्रस्ताव के बाद उठाया गया है, जिसका मकसद ब्राजील पर लगाए गए इसी तरह के टैरिफ को समाप्त करना और टैरिफ बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा आपातकालीन शक्तियों के उपयोग को सीमित करना है। ऐसे में अब इस प्रस्ताव पर जल्द ही चर्चा हो सकती है।
बयान
सांसद रॉस ने प्रस्ताव को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रॉस ने कहा, "नॉर्थ कैरोलिना की अर्थव्यवस्था व्यापार, निवेश और एक सक्रिय भारतीय-अमेरिकी समुदाय के जरिये भारत से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने भारतीय कंपनियों से जुड़े अरबों डॉलर के निवेश और हजारों नौकरियों का हवाला देते हुए यह बात कही। उन्होंने चेतावनी दी है कि ट्रंप द्वारा लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदारी को कमजोर करने का जोखिम पैदा करते हैं। यह अमेरिकी उपभोक्ताओं को असमान रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं।"
तर्क
अन्य 2 सांसदों ने क्या दिया तर्क?
सांसद वीजी ने कहा, "भारत एक अहम सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार है और ये अवैध टैरिफ आम उत्तरी टेक्सस के लोगों पर एक कर की तरह हैं, जो पहले से ही बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं।" भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, "ये टैरिफ आपूर्ति शृंखलाओं को बाधित कर रहे हैं, अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उपभोक्ताओं पर लागत बढ़ा रहे हैं। इसे खत्म करने से अमेरिका-भारत आर्थिक और सुरक्षा सहयोग मजबूत होगा।"
पृष्ठभूमि
अमेरिका ने अगस्त में लगाया था 50 प्रतिशत टैरिफ
ट्रंप ने 1 अगस्त, 2025 को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। इसके बाद 27 अगस्त को प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत लगाने का ऐलान किया था। इन दोनों टैरिफ को मिलाकर कई भारतीय उत्पादों पर आयात लागत दोगुनी हो गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का तर्क था कि भारत अब भी रूसी तेल खरीद रहा है और इससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए पैसा मिल रहा है।
विवाद
अमेरिकी संसद बनाम ट्रंप की लड़ाई
यह प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस के उस अभियान का हिस्सा है जिसमें डेमोक्रेट्स (और कुछ रिपब्लिकन भी) राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकारों पर लगाम लगाना चाहते हैं। सांसदों का कहना है कि व्यापार नीति बनाने का अधिकार संविधान के अनुसार सिर्फ कांग्रेस के पास है, राष्ट्रपति के पास नहीं है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो सीनेट (अमेरिकी कांग्रेस का ऊपरी सदन) में भी इसी तरह के प्रस्ताव पर वोटिंग होगी, जो काफी अहम है।