DOGE पर कर्मचारियों की छुपकर निगरानी करने का लगा आरोप, जानिए कोर्ट ने क्या कहा
क्या है खबर?
अमेरिका में एलन मस्क के नेतृत्व वाली सरकारी दक्षता टीम (DOGE) पर कर्मचारियों से बातचीत करने के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है।
इसको लेकर अदालत DOGE को अपने कामकाज का रिकॉर्ड रखने का आदेश दे सकती है।
वाशिंगटन में एक संघीय न्यायाधीश ने शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक वकील को इस मामले को गंभीरता से लेने को कहा है।
मामला
क्या है मामला?
DOGE से एक निगरानी समूह द्वारा रिकॉर्ड अनुरोधों का अनुपालन करने की मांग को लेकर मुकदमा दायर किया गया है।
इसमें दावा किया गया है कि अरबपति मस्क और उनकी टीम संघीय नौकरशाही को खत्म करने के लिए 'छुपकर' काम कर रही है।
इस पर न्यायाधीश क्रिस्टोफर कूपर ने ट्रंप प्रशासन के वकील से कहा कि DOGE को यह मान लेना चाहिए कि आगामी संरक्षण आदेश तुरंत उसके काम पर लागू होगा और जितनी जल्दी हो इस पर अमल करे।
आदेश
तत्काल नहीं सुनाया आदेश
वाशिंगटन में लाेग जिम्मेदारी और नैतिकता के लिए इसके बारे में दस्तावेजों और जानकारी की मांगों को लागू करने के लिए मुकदमा कर रहे हैं।
यह तर्क देते हुए कि जनता को खर्च के फैसलों में DOGE की भूमिका को समझने की तत्काल आवश्यकता है।
न्यायाधीश ने किसी भी मांग पर फैसला नहीं सुनाया, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वह सरकार को समूह की मांग के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश देने की संभावना रखते।
तर्क
ट्रंप प्रशासन का क्या है तर्क?
न्यायाधीश ने तुरंत इस बात पर फैसला नहीं सुनाया कि DOGE को संघीय पारदर्शिता कानून का अनुपालन करना चाहिए या नहीं।
दूसरी तरफ ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि अमेरिका DOGE सेवा संघीय सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम से मुक्त है।
यह कानून जनता को संघीय एजेंसियों द्वारा बनाए गए संचार और अन्य रिकॉर्ड देखने का अधिकार देता है।
यह कानून व्हाइट हाउस के कुछ कार्यालयों पर लागू नहीं होता है, जो पूरी तरह से सलाहकार की भूमिका निभाते हैं।