अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को बराबर वोट मिलने पर क्या होगा?
अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार (5 नवंबर) को मतदान होगा। इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति तथा डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के भाग्य का फैसला होगा। मतदान से पहले किए गए अधिकांश सर्वेक्षणों में दोनों ही उम्मीदवारों के बीच बहुत ही कांटे का मुकाबला होने की आशंका जताई गई है। ऐसे में आइए जानते हैं दोनों को बराबर वोट मिलने पर क्या होगा।
ट्रंप और हैरिस के बीच कैसे हो सकती है बराबरी?
अमेरिका की सत्ता संभालने के लिए ट्रंप या हैरिस को 270 इलेक्टोरल कॉलेज (निर्वाचक मंडल) वोट हासिल करने होंगे। हालांकि, बराबरी की स्थिति में दोनों को कुल 538 में से 269 वोट हासिल करने होंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिकी मतदाता सीधे राष्ट्रपति के लिए मतदान न करके निर्वाचकों (एक निर्वाचन मंडल के सदस्य) के लिए मतदान करते हैं। बाद में यही निर्वाचक मतदान कर देश के नए राष्ट्रपति का फैसला करते हैं।
क्या ट्रंप और हैरिस के बीच बराबरी की संभावना है?
यह स्थिति लगभग असंभव है। आधुनिक अमेरिकी राजनीति में ऐसा कभी नहीं हुआ है। अमेरिका में आखिरी बार ऐसा 1800 में हुआ था। जब थॉमस जेफरसन और आरोन बूर को बराबर वोट मिले थे। हालांकि, कुछ परिदृश्यों में 269 वोटों का टाई हो सकता है। पहली स्थिती यह है कि अगर, हैरिस स्विंग स्टेट्स विस्कॉन्सिन, मिशिगन, एरिजोना, नेवादा और नेब्रास्का में एक इलेक्टोरल वोट जीतती हैं और पेंसिल्वेनिया और जॉर्जिया में हार जाती हैं तो मुकाबला बराबर हो सकता है।
अन्य किस स्थिति में बराबरी का हो सकता है मुकाबला?
बरबारी की दूसरी स्थिति तब बन सकती है जब ट्रंप नेब्रास्का के इलेक्टोरल कॉलेज के सभी वोट जीत लें। हालांकि, ऐसा होना असंभव लगता है क्योंकि राज्य का दूसरा कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट अभी हैरिस के पक्ष में है। जैसा कि न्यूजनेशन पार्टनर डिसीजन डेस्क मुख्यालय के अध्यक्ष ड्रू मैककॉय ने कहा, "यह लॉटरी जीतने जैसा है। यह संभव है, लेकिन शायद यह ऐसा कुछ नहीं है। यह बहुत अधिक संभावना वाली घटना नहीं है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है।"
ट्रंप और हैरिस के बीच बराबरी होने पर क्या होगा?
अगर, दोनों के बीच मुकाबला बराबरी का होता है तो अगले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का फैसला अमेरिकी कांग्रेस के हाथों में चला जाता है। अमेरिकी संविधान के 12वें संशोधन के अनुसार, अगर किसी भी उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों का बहुमत नहीं मिलता है या बराबरी होती है तो 'आकस्मिक चुनाव' आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत 3 जनवरी को शपथ लेने वाली नई कांग्रेस की प्रतिनिध सभा राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जबकि उपराष्ट्रपति का चुनाव सीनेट करेगी।
आकस्मिक चुनाव कब और कैसे होगा?
हैरिस और ट्रंप के बीच बराबरी की स्थिति में सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद जनवरी में आकस्मिक चुनाव होगा। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के विश्लेषण के अनुसार, आकस्मिक चुनाव 6 जनवरी को होगा। कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा राष्ट्रपति का निर्धारण करने के लिए बैठक करेगी, जिसमें प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधिमंडल (वाशिंगटन डीसी को छोड़कर) को अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए एक वोट डालने की अनुमति होगी। 26 वोट पाने वाला पहला उम्मीदवार राष्ट्रपति बन जाएगा।
बराबरी की स्थिति में कैसे होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव?
राष्ट्रपति के चुनाव के बाद सीनेट को उपराष्ट्रपति का चुनाव करने का काम सौंपा जाएगा, जिसमें प्रत्येक सीनेटर को एक ही वोट डालने की अनुमति होगी। हालांकि, इसमें वाशिंगटन डीसी हिस्सा नहीं लेगा। इस चुनाव में 51 वोट पाने वाले पहले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा। इस परिदृश्य के कारण ही संभावना है कि जनवरी 2025 में अमेरिका में ट्रंप राष्ट्रपति और टिम वाल्ज उपराष्ट्रपति या हैरिस राष्ट्रपति और जेडी वेंस उपराष्ट्रपति हो सकते हैं।
क्या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपि अलग-अलग दलों से हो सकते हैं?
यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अलग-अलग पार्टियों के हो सकते हैं। हां, ऐसा संभव है। साल 1797-1801 के बीच ऐसा हुआ था। उस दौरान राष्ट्रपति जॉन एडम्स (एक संघवादी) और उपराष्ट्रपति थॉमस जेफरसन (एक डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन) पद पर चुने गए थे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एक करीबी चुनाव के बारे में सभी उम्मीद और प्रचार के बावजूद इसा साल के चुनाव में बराबरी होने की संभावना न के बराबर है।