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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना पर सहमत, हमास ने शर्तें खारिज की
UNSC में डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना को मंजूरी दी गई

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना पर सहमत, हमास ने शर्तें खारिज की

लेखन गजेंद्र
Nov 18, 2025
12:42 pm

क्या है खबर?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा के लिए शांति योजना के पक्ष में मतदान किया है। मतदान में वाशिंगटन के 20-सूत्रीय ढांचे को आगे बढ़ाया गया, जो गाजा में युद्धविराम लागू करने, पुनर्निर्माण और शासन के लिए पहला व्यापक अंतरराष्ट्रीय रोडमैप प्रस्तुत करता है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की तैनाती भी शामिल है, जिसे मंजूरी दे दी गई है।

मतदान

चीन और रूस ने नहीं किया मतदान

UNGC में प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस और सोमालिया समेत 13 देशों का समर्थन मिला है। किसी ने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि, चीन और रूस मतदान से दूर रहे। परिषद ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को प्रस्तावित शांति बोर्ड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, जो गाजा के पुनर्निर्माण-आर्थिक स्थिरीकरण का निर्देशन करने के लिए एक अंतरिम निकाय है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल हथियारों को निष्क्रिय करने और सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का काम करेगा।

विरोध

हमास ने शर्तों का विरोध किया

हमास ने UNGC के फैसले को खारिज कर दियाऔर कहा कि यह प्रस्ताव फिलिस्तीनियों के अधिकारों और मांगों को पूरा करने में विफल है। उसने गाजा पर 'अंतरराष्ट्रीय ट्रस्टीशिप' थोपने का आरोप लगाया है। समूह ने स्थिरीकरण बल को सशस्त्र समूहों को बेअसर करने का निर्देश देने वाले प्रावधानों की तीखी आलोचना की। हमास ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय सेना को गाजा के अंदर प्रतिरोध निरस्त्र करने समेत कार्य और भूमिकाएं सौंपना तटस्थता को खत्म करता है।"

प्रशंसा

ट्रंप ने मतदान की प्रशंसा की

राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ पर UNGC मतदान का स्वागत किया। उन्होंने इसे वैश्विक कूटनीति के लिए मील का पत्थर बताया और प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों की सराहना की। ट्रंप ने लिखा, "UNGC द्वारा अविश्वसनीय मतदान पर विश्व को बधाई, जिसमें शांति बोर्ड को मान्यता और समर्थन मिला है, जिसकी अध्यक्षता मैं करूंगा। इसमें दुनियाभर के सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेता शामिल होंगे। यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़ी स्वीकृतियों में एक के रूप में दर्ज होगा।"