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तालिबान ने बगराम एयरबेस के लिए अमेरिका को दी युद्ध की धमकी, पाकिस्तान को भी चेताया
तालिबान ने बगराम एयरबेस को लेकर युद्ध की धमकी दी

तालिबान ने बगराम एयरबेस के लिए अमेरिका को दी युद्ध की धमकी, पाकिस्तान को भी चेताया

लेखन गजेंद्र
Sep 23, 2025
04:37 pm

क्या है खबर?

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने बगराम एयरबेस को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उसने अमेरिका को सीधे तौर पर युद्ध की धमकी दी है। कंधार में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में तालिबान ने संकल्प लिया कि अगर अमेरिका बगराम एयरबेस पर दोबारा कब्जा करने का प्रयास करता है तो वे युद्ध के लिए तैयार रहेंगे। बैठक समूह के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कैबिनेट अधिकारियों, खुफिया प्रमुखों, सैन्य कमांडरों और उलेमा परिषद के साथ की थी।

चेतावनी

पाकिस्तान को भी दी गई चेतावनी

कंधार में बंद कमरे में हुई बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों और संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर चर्चा की गई और एयरबेस को सर्वसम्मति से सौंपने की ट्रंप की धमकियों को खारिज कर दिया गया। साथ ही तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह सैन्य, कूटनीतिक किसी भी तरह से अमेरिका की मदद या समर्थन करता है, तो उसे अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात का शत्रु राष्ट्र माना जाएगा। इससे पाकिस्तान की कूटनीति को झटका लगेगा।

जानकारी

तालिबान अन्य देशों से बात करेगा

तालिबान नेतृत्व ने प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी को वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों से तत्काल संपर्क करने का काम सौंपा है। वे रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और भारत से भी संपर्क करेगा।

धमकी

ट्रंप ने तालिबान को क्या धमकी दी थी?

ट्रंप ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर लिखा था, 'अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस नहीं करता है, तो बहुत बुरा होगा।' ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह बेस पर कब्जा करने के लिए अमेरिकी सैनिक भेजेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हम इस बारे में बात नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि बेस जल्द वापस मिले। अगर वे नहीं देंगे, तो आप देखेंगे कि मैं क्या करता हूं।"

एयरबेस

अमेरिका क्यों चाहता है बगराम एयरबेस?

बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य हवाई अड्डा है, जो काबुल से 50 किमी दूर सामरिक महत्व वाले परवान प्रांत में है। इसका रनवे 11,800 फीट लंबा है, जो बॉम्बर और बड़े कार्गो विमानों के लिए बेहतर है। यहां से चीनी परमाणु मिसाइल फेसिलिटी 1 घंटे की दूरी पर है। एयरबेस सोवियत काल (1950) में बना था, जो 2001-2021 तक अमेरिकी कब्जे में रहा। अगस्त 2021 में तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया और बेस अधिकार में ले लिया।