भारतीय मूल के श्रीकांत दातर बने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के डीन, जनवरी से संभालेंगे पद
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भारतीय मूल के श्रीकांत दातर को बिजनेस स्कूल का डीन चुना है। दातर पिछले लगभग 25 सालों से वहां पढ़ा रहे हैं और उन्होंने यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। दातर बिजनेस स्कूल के 112 सालों के इतिहास में प्रोफेसर और सीनियर एसोसिएट डीन की भूमिका निभाने के बाद 11वें डीन बने हैं। वो जनवरी में नया कार्यभार संभालेंगे। यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर यह जानकारी दी है।
भारतीय मूल के नोहरिया की जगह लेंगे दातर
दातर भारतीय मूल के ही पुराने डीन नितिन नोहरिया की जगह लेंगे। नोहरिया इस साल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। वो पिछले 10 सालों से बिजनेस स्कूल के डीन पद पर कार्यरत हैं।
1996 से हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के साथ जुड़े हुए हैं दातर
यूनिवर्सिटी के प्रमुख की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दातर व्यापक अंतरराष्ट्रीय नजरिये, दशकों तक कारोबारी नीतियों के साथ काम करने और यूनिवर्सिटी के समुदाय को विविधतापूर्ण बनाने की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ इस पद पर आ रहे हैं। उन्होंने दातर को इनोवेटिव एजुकेटर, शानदार स्कॉलर और गहरे अध्यनशील अनुभवी अकादमिक नेतृत्वकर्ता बताया है। बता दें कि दातर 1996 से हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के साथ जुड़े हैं और कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं।
नस्लीय भेदभाव खत्म करने के लिए बिजनेस स्कूल ने बनाई नई योजना
बिजनेस स्कूल ने पिछले महीने कैपस और कारोबारी दुनिया में नस्लीय समानता लाने के लिए नई योजना का ऐलान किया था। इसके तहत पहले की तुलना में ज्यादा अश्वेत छात्रों और अध्यापकों को स्कूल में लिया जाएगा। साथ ही स्कूल में एक मुख्य विविधता अधिकारी की नियुक्ति होगी। इसके अलावा बिजनेस स्कूल उन रिसर्च और कोर्स मैटेरियल को तैयार करने में प्रोत्साहन देगा, जो नस्लीय भेदभाव को कम करने में सहायक साबित होंगे।
दातर ने मुंबई यूनिवर्सिटी से की थी ग्रेजुएशन
भारतीय मूल के दातर ने मुंबई यूनिवर्सिटी से अपनी शुरुआती उच्च शिक्षा हासिल की। इसके बाद वो IIM अहमदाबाद चले गए, जहां से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा लिया। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्टेटिस्टिक्स एंड इक्नॉमिक्स में Ph.D करने के बाद वो 1984 से 1989 के बीच कार्नेगी मेलन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन में एसोसिएट प्रोफेसर रहे। इसके बाद 1996 तक वे स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर रहे। वहां से हार्वर्ड बिजनेस स्कूल आ गए थे।