पाकिस्तान ने 14 भारतीय हिंदुओं को ननकाना साहिब गुरुद्वारा जाने से रोका, कहा- केवल सिख जाएंगे
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर भारतीय सिख जत्थे के साथ यात्रा कर रहे 14 हिंदुओं को ननकाना साहिब गुरुद्वारा जाने से मना कर दिया। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 556वीं जयंती के अवसर पर सिख जत्था मंगलवार को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ था। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हिंदुओं ने वाघा सीमा पर सभी आव्रजन और यात्रा औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं, लेकिन प्रवेश के समय रोक दिया गया।
अनुमति
"आप हिंदू हैं"
रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए दिल्ली और लखनऊ के परिवार सिख जत्थे के साथ गए थे, लेकिन अपमानित होकर वापस चले गए। पाकिस्तानी अधिकारियों ने वहां घोषणा की कि केवल सिखों के रूप में सूचीबद्ध लोगों को ही ननकाना साहिब जाने वाली बस में चढ़ने की अनुमति होगी। एक तीर्थयात्री ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उनसे कहा, "आप हिंदू हैं, आप सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।"
प्रवेश
केवल 1,796 को मिला प्रवेश
नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 2,100 से ज़्यादा वीजा मंजूर किए थे। हालांकि, आधिकारिक सिख समूह के रूप में केवल 1,796 ही सीमा पार कर पाए। करीब 300 यात्रियों को प्रक्रिया से जुड़ी खामियों के चलते प्रवेश से मना कर दिया गया, जिसमें सिख और हिंदु दोनों शामिल हैं। कई यात्रियों का कहना है कि उनकी तमाम प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी थीं, लेकिन धर्म के आधार पर उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया गया।
अनुमति
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली बार प्रवेश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच पंजाब में वाघा-अटारी सीमा बंद कर दी गई थी। तब से अब इसे खोला गया है। भारत सरकार पहले जत्थे को अनुमति देने से इंकार कर रही थी, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति सहित विभिन्न सिख धार्मिक संगठनों की अपील के बाद अनुमति दी है। गुरु नानक की जन्म स्थली ननकाना साहिब में जयंती उत्सव 5 नवंबर को मनाया गया है।