अमेरिका में सरकारी कामकाज बंद होने का रिकॉर्ड बना, शडडाउन को 36 दिन हुए
क्या है खबर?
अमेरिका में सरकारी कामकाज का बंद बुधवार को 36वें दिन में प्रवेश कर गया है, जो अमेरिका के इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन बताया जा रहा है। अमेरिकी शटडाउन 1 अक्टूबर को कांग्रेस द्वारा नए वित्तीय समझौते पर सहमति न बना पाने के कारण शुरू हुआ था और आज भी डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के गतिरोध के कारण समझौते की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। शटडाउन की वजह से 7 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी घर बैठाए गए हैं।
इतिहास
ट्रंप के समय में पहले भी लग चुका है लंबा शटडाउन
अमेरिका में सरकारी कामकाज बंद करने का इतिहास पुराना है, जो 1980 के बाद से जारी है। अब तक देश में 15 बार शटडाउन हो चुका है। वर्ष 1980, 1981, 1982, 1983, 1984,1986, 1990, 1995 और 2018 में 1-5 दिन का शटडाउन हुआ है। सबसे लंबा शटडाउन भी डोनाल्ड ट्रंप के समय 2018 में हुआ। उस समय 35 दिन बंद था। बिल क्लिंटन के समय 1995 में 21 दिन और बराक ओबामा के समय 2013 में 16 दिन शटडाउन था।
शटडाउन
शटडाउन क्या है?
सरकारी शटडाउन तब होता है, जब संघीय सरकार को चलाने के लिए जरूरी फंडिंग खत्म हो जाती है। अमेरिकी संविधान के तहत, सरकारी विभागों और कार्यक्रमों को चलाने के लिए संसद को हर साल व्यय विधेयक पारित करने होते हैं। ऐसे विधेयक पारित न होने पर सरकार के पास खर्च करने का कानूनी अधिकार नहीं रहता। इस दौरान कई सेवाएं बंद हो जाती है।
असर
बंद हो सकते हैं अमेरिकी हवाई क्षेत्र के कुछ हिस्से
BBC के मुताबिक, शटडाउन के बाद से, आम अमेरिकियों पर इसका प्रभाव और भी बदतर हो गया है। हजारों संघीय कर्मचारियों को वेतन हीं मिल रहा है और आगे हवाई यात्रा पर प्रभाव के बढ़ने की आशंका बढ़ रही है। परिवहन मंत्री सीन डफी का कहना है कि अगर शटडाउन जारी रहा तो अमेरिकी हवाई क्षेत्र के कुछ हिस्सों को बंद करना पड़ सकता है। लगभग 13,000 हवाई यातायात नियंत्रक शटडाउन के कारण बिना वेतन के काम कर रहे हैं।
शटडाउन
अमेरिका में शटडाउन के हालात क्यों बने?
अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती थी कि स्वास्थ्य बीमा की सब्सिडी बढ़े और ट्रंप के बिग ब्यूटीफुल विधेयक में शामिल स्वास्थ्य व्यय में कटौती के फैसले को पलटा जाए। सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी का कहना था कि इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और दूसरे काम प्रभावित होंगे। सहमति बनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं ने बैठक की, जो बेनतीजा रही। इसके बाद व्यय विधेयक पर मतदान हुआ। विधेयक के समर्थन में 55 वोट पड़े, जो बहुमत 60 से कम थे।