
जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया, भारत की बढ़ेगी चुनौती?
क्या है खबर?
पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी नवगठित महिला इकाई जमात उल-मुमिनात के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया है। ऑनलाइन कोर्स 'तुफात अल-मुमिनात' के माध्यम से JeM महिलाओं की भर्ती बढ़ाएगा और धन जुटाने का प्रयास करेगा। JeM के प्रमुख मसूद अजहर ने अपनी छोटी बहन सादिया अजहर को जमात उल-मुमिनात का नेतृत्व सौंपा है। सादिया का पति यूसुफ अजहर जैश का कमांडर था, जो भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान मारा गया था।
संगठन
500 पाकिस्तानी रुपये ली जाएगी फीस
जैश इस कोर्स का व्यापक तौर पर प्रचार कर रहा है। उसका उद्देश्य धार्मिक और जिहाद-उन्मुख पाठों के माध्यम से महिलाओं को महिला ब्रिगेड में "प्रशिक्षित और भर्ती" करना है। यह कोर्स 8 नवंबर से शुरू हो रहा है, जिसमें रोजाना 40 मिनट की कक्षा चलेगी। सादिया के अलावा मसूद की दूसरी बहन समायरा अज़हर भी इसमें क्लास लेंगी। प्रत्येक प्रतिभागी से कोर्स के लिए 500 पाकिस्तानी रुपये 'दान' के रूप में फीस ली जाएगी।
भर्ती
अचानक महिलाओं की भर्ती क्यों कर रहा जैश
देवबंदी विचारधारा से प्रेरित जैश ने महिलाओं को सशस्त्र जिहाद में भाग लेने से प्रतिबंधित कर रखा था, लेकिन अचानक मसूद और उसके भाई तल्हा अल-सैफ ने संगठन में उन्हें शामिल करने की मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि महिला सदस्यों का इस्तेमाल सुरक्षा जांच से बचने, रसद और दुष्प्रचार अभियानों के लिए किया जा सकता है। जैश का यह कदम ISIS, बोको हराम, हमास और LTTE जैसे समूह की रणनीति से प्रेरित है, जिसमें महिलाएं शामिल हैं।
चुनौती
भारत के लिए कितनी खतरनाक है ये पहल?
अभी तक भारत में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने जो हमले किए हैं, उसमें पूरी तरह पुरुष आतंकवादी शामिल रहे हैं, जिनको पकड़ा भी गया है। अब महिलाओं को आतंकवादी संगठन में भर्ती करने से भारत के लिए चुनौती बढ़ सकती है क्योंकि महिलाएं लड़ाई और आत्मघाती हमलों के लिए तैयार की जा रही हैं। उनकी जांच और साजिश पर श्रीलंका के LTTE संगठन की महिला लड़ाकों की तरह नजर रखनी होगी क्योंकि ढिलाई पर ये घातक साबित हो सकती हैं।