#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान ने असीम मुनीर की ताकत बढ़ाने के लिए संविधान बदला, जानें क्या-क्या अधिकार मिले?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की शक्तियां और बढ़ने जा रही है। इसके लिए पाकिस्तान अपने संविधान में संशोधन करने जा रहा है। बीते दिन इससे जुड़ा विधेयक भी संसद में पेश किया गया। इस विधेयक के पारित होते ही असीम की ताकत बढ़ जाएगी और पाकिस्तान भी सैन्य शासित देश होने की दिशा में एक कदम और बढ़ा देगा। आइए जानते हैं विधेयक पारित होने के बाद क्या-क्या बदलेगा।
विधेयक
पाकिस्तानी कानून मंत्री ने पेश किया विधेयक
शनिवार को पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने इस विधेयक को संसद में पेश किया। इसमें व्यापक संवैधानिक बदलावों का प्रस्ताव है, जिनमें संघीय संवैधानिक न्यायालय के गठन और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से लेकर प्रांतीय मंत्रिमंडलों की सीमा में परिवर्तन और सैन्य नेतृत्व का पुनर्गठन शामिल है। संसद में पेश करने के बाद विधेयक को समीक्षा के लिए विधि एवं न्याय संबंधी स्थायी समितियों के पास भेज दिया गया।
नया पद
सेना में बनेगा CDF का नया पद
रिपोर्ट के मुताबिक, विधेयक में पाकिस्तान सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नामक एक नया पद प्रस्तावित किया है। नए संशोधन विधेयक के तहत राष्ट्रपति प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर असिम मुनीर को इस पद पर नियुक्त करेंगे। CDF सेना प्रमुख के रूप में भी काम करेगा। सरकार का कहना है कि सेना के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के लिए यह पद बनाया जा रहा है, ताकि तीनों सेनाएं सिंगल कमांड के अंतर्गत काम कर सके।
सुप्रीम कोर्ट
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पर भी अंकुश की तैयारी
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, ये विधेयक सुप्रीम कोर्ट की ताकत भी छीन सकता है। विधेयक में पाकिस्तान में संघीय संविधान कोर्ट (FCC) बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। पाक सरकार का कहना है कि FCC लंबित मामलों को जल्दी निपटाएगा, जिससे न्यायपालिका पर बोझ कम होगा। हालांकि, जानकारों का मानना है कि इससे सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां कम होगीं और सरकार के पास कुछ बड़े कानूनों को बदलने का रास्ता खुल जाएगा।
फील्ड
असीम को औपचारिक तौर पर मिलेगा फील्ड मार्शल की उपाधि
विधेयक में असीम को औपचारिक रूप से फील्ड मार्शल की उपाधि प्रदान करने का भी प्रावधान है। विधेयक में यह कहा गया है कि फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ एयर फोर्स या एडमिरल ऑफ द फ्लीट के पद पर पदोन्नत होने वाला कोई भी अधिकारी अपने पद और विशेषाधिकारों को बरकरार रखेगा, आजीवन वर्दी में रहेगा और संघीय सरकार उनकी सक्रिय सेवा के बाद उन्हें राज्य के हित में कर्तव्य सौंप सकती है।
ताकत
इन प्रावधानों से भी बढ़ेगी असीम की ताकत
नए विधेयक में प्रस्तावित नए पदों पर आजीवन कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वरिष्ठ सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद भी न्यायिक जांच या राजनीतिक जवाबदेही से मुक्त रखा जा सकेगा। यानी असीम पर कभी भी कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा। विधायिका अब सैन्य निर्णयों पर प्रश्न उठाने या उन्हें रद्द करने में सक्षम नहीं होगी। प्रमुख नियुक्तियों में सैन्य सिफारिशों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। प्रधानमंत्री की सलाह केवल औपचारिकता मात्र रहेगी।
फील्ड मार्शल
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद फील्ड मार्शल बने असीम
पाकिस्तान सरकार ने असीम को भारत के साथ संघर्ष में उनकी 'भूमिका' के लिए फील्ड मार्शल पद पर पदोन्नत किया था। वे पाकिस्तान के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे सैन्य अधिकारी हैं। फील्ड मार्शल कभी सेवानिवृत्त नहीं होते और मृत्यु तक उन्हें 'सक्रिय' माना जाता है। इससे पहले जनरल अयूब खान 1959 में फील्ड मार्शल बने थे। हालांकि, उन्होंने तख्तापलट के बाद और सेवानिवृत्ति से ठीक पहले खुद को ही ये रैंक दे दी थी।