आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने किया पद छोड़ने का ऐलान
आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने अपना पद छोड़ने का ऐलान किया है। वे 2017 से फाइन गेल पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे और दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री का पद संभाल रहे थे। अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए वराडकर ने कहा कि देश का नेतृत्व करना उनके जीवन का सबसे ज्यादा संतुष्टि देने वाला समय रहा। उन्होंने निजी और राजनीतिक वजहों को पद छोड़ने का कारण बताया।
क्या बोले वराडकर?
वराडकर ने कहा, "आपको यह जानना और ऐसा करने का साहस रखना होता है कि कमान किसी और को सौंपने का समय आ गया है। ये नेतृत्व का एक हिस्सा होता है। वह समय अब आ गया है, इसलिए मैं आज से प्रभावी रूप से फाइन गेल के अध्यक्ष और नेता के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं। जैसे ही मेरा उत्तराधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को संभालने में सक्षम होगा, मैं प्रधानमंत्री के रूप में भी इस्तीफा दे दूंगा।"
वराडकर ने क्यों दिया इस्तीफा?
वराडकर ने पद छोड़ने की वजह व्यक्तिगत और राजनीतिक कारणों को बताया है। उन्होंने कहा, "7 साल के बाद मुझे नहीं लगता कि अब मैं प्रधानमंत्री के लिए सबसे उपयुक्त हूं। मेरा मानना है कि इस सरकार को दोबारा चुना जा सकता है और मेरी पार्टी अगले चुनावों में सीटें हासिल कर सकती है। सावधानीपूर्वक विचार और आत्मखोज के बाद मेरा मानना है कि एक नया प्रधानमंत्री और एक नया नेता मुझसे बेहतर स्थिति में होगा।"
जनमत संग्रहों से लगा था वराडकर को झटका
दरअसल, वराडकर 3 पार्टियों (फाइन गेल, फिएना फेल और ग्रीन) के गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। इस सरकार को हाल ही में 2 जनमत संग्रहों में हार का सामना करना पड़ा था। इसमें से एक जनमत संग्रह घर में महिलाओं की भूमिका और दूसरा परिवार को विवाह से परे इकाई के रूप में परिभाषित करने से जुड़ा था। जनता ने इन्हें नकार दिया, जिसे उदारवादी वराडकर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था।
कौन हैं वराडकर?
18 जनवरी, 1979 को डबलिन में जन्मे वराडकर भारतीय मूल के हैं। उनके पिता अशोक भारतीय प्रवासी थे और मां मरियम नर्स का काम करती थीं। उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की है और कॉलेज के समय में ही फाइन गेल के टिकट पर काउंसलर का चुनाव जीता था। 2011 में उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे मंत्री बने। 2015 में उन्होंने अपने समलैंगिक होने का खुलासा किया और 2017 में आयरलैंड के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने।