कनाडा: खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास के अधिकारियों को घेरा, पुलिस ने संभाला मोर्चा
क्या है खबर?
कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला वैंकुवर से सामने आया है, जहां भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को खालिस्तान समर्थकों ने घेर लिया। हालांकि, पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
बताया जा रहा है कि ये घटना एक शिविर में हुई, जिसमें अधिकारी कनाडा में रह रहे भारतीय पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र आवंटित कर रहे थे।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, ब्रिटिश कोलंबिया के एबॉट्सफोर्ड में खालसा दीवान सोसाइटी के गुरुद्वारे में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने एक शिविर लगाया था। इसमें पेंशनधारकों को प्रमाण पत्र बांटे जा रहे थे। तभी खालिस्तान समर्थक इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
घटना के बाद सामने आए वीडियो में खालिस्तानियों को पेंशनधारकों के साथ बदतमीजी करते हुए भी देखा जा सकता है। वीडियो में एक शख्स जमीन पर पड़े तिरंगे झंडे को उठाने की कोशिश कर रहा है।
धमकी
खालिस्तानियों ने दी शिविर बंद करने की धमकी
खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने पोस्टर जारी कर ऐसे शिविरों को बंद करने की धमकी दी है। भारतीय अधिकारी 18 और 19 नवंबर को ग्रेटर टोरंटो में भी इस तरह का शिविर आयोजित करने वाले हैं।
वैंकूवर में आयोजित होने वाले शिविर के लिए भी धमकी भरे पोस्टर जारी किए गए हैं। खालिस्तानियों ने कहा है कि वे भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को बाधित करेंगे।
बयान
क्या बोला SFJ?
SFJ ने कहा कि जहां भी भारत के अधिकारी जाएंगे, खालिस्तान समर्थक तत्व उन्हें जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेंगे।
SFJ के प्रमुख गुरपतवंत पन्नून ने कहा, "खालिस्तान समर्थक सिख भारतीय राजनयिकों को चुनौती देने जा रहे हैं, क्योंकि वे सामुदायिक कार्यक्रमों की आड़ में जासूसी नेटवर्क स्थापित कर रहे हैं।"
फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के कनाडा अध्यक्ष मनिंदर सिंह गिल ने कहा कि वह वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की 'कायरतापूर्ण हरकत' की कड़ी निंदा करते हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
कनाडा और भारत में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तनाव चल रहा है।
कनाडा ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया है और भारत ने इन आरोपों को निराधार बताया है। विवाद के बीच भारत ने कुछ दिनों के लिए कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर भी रोक लगा दी थी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कहा था कि कनाडा के पास भारत के खिलाफ विश्वसनीय सबूत हैं।