
इजरायल के सुरक्षा सेवा प्रमुख दे रहे थे बेंजामिन नेतन्याहू को धोखा? पद से हटाया गया
क्या है खबर?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा फैसला लेते हुए देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को बर्खास्त कर दिया है। यह फैसला इजरायली कैबिनेट ने गुरुवार शाम को लिया।
इस फैसले ने येरूशलम में नए विरोध को जन्म दे दिया, जिससे सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मामले में बार के प्रति अविश्वास का हवाला दिया है।
क्या बार नेतन्याहू के प्रति वफादार नहीं थे? आइए जानते हैं पूरा मामला।
बर्खास्त
रोनेन बार को क्यों बर्खास्त किया गया?
बार को अक्टूबर 2021 में शिन बेट (सामान्य सुरक्षा सेवा) के प्रमुख के रूप में 5 साल के लिए नियुक्त किया गया था। उनको 10 अप्रैल को आधिकारिक तौर पर पद छोड़ना था, लेकिन उससे पहले हटा दिया गया।
बार को हटाने के पीछे बड़ा कारण उनके नेतृत्व में शिन बेट की कमजोर स्थिति है, जिसकी वजह से अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया और लोगों को बंधक बनाया।
बार इसका पता लगाने में चूक गए।
वजह
बार को हटाने की दूसरी वजह नेतन्याहू से जुड़ी है
बार को हटाने की दूसरी वजह नेतन्याहू से जुड़ी बताई जा रही है। दरअसल, बार के नेतृत्व में शिन बेट इजरायली निर्णय प्रक्रिया में कतर की भागीदारी के आरोपों पर प्रधानमंत्री कार्यालय की जांच कर रहा है।
अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा ने पिछले महीने पुलिस और शिन बेट को नेतन्याहू के कार्यालय के अधिकारियों की कथित वित्तीय और कतर से संबंधों की जांच करने का आदेश दिया था।
बार को हटाने का विरोध अटॉर्नी जनरल ने भी किया है।
कारण
नेतन्याहू ने बार को हटाने का क्या कारण बताया?
BBC के मुताबिक, नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक से पहले सदस्यों को पत्र भेजा था, जिसमें प्रधानमंत्री और बार के बीच पेशेवर और व्यक्तिगत विश्वास में लगातार आई कमी को बताया था।
पत्र में कहा गया, "7 अक्टूबर, 2023 की परिचालन विफलता से परे और विशेष रूप से हाल के महीनों में, युद्ध के दौरान पेशेवर विश्वास की हानि को मजबूत किया गया है।
पत्र में इजरायल पर हमास के हमलों का जिक्र किया गया, जिसने इजरायल-गाजा युद्ध को जन्म दिया।
एजेंसी
क्या है शिन बेट?
शिन बेट इजरायल की घरेलू खुफिया एजेंसी है और युद्ध में अहम भूमिका निभाती है, जिसे शाबाक भी कहते हैं।इसकी गतिविधियां और सदस्यता गुप्त रहस्य हैं। यह ब्रिटेन की MI5 या अमेरिका की FBI की तरह है।
इसकी स्थापना 1948 में हुई थी और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है।
एजेंसी तीन क्षेत्रों आतंकवाद-रोधी अभियान, घरेलू सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस में काम करती है। इसका मुख्यालय तेल अवीव में है।
बार ने नेतन्याहू के निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताया है।