
इजरायली-अमेरिकी हमलों से ईरान के यूरेनियम भंडार को नहीं हुआ ज्यादा नुकसान- IAEA
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी का कहना है कि इजरायली और अमेरिकी हमलों से ईरान के संवर्धित यूरेनियम को मोटे तौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ग्रॉसी का कहना है कि ज्यादातर यूरेनियम अभी भी ईरान के कब्जे में है। बता दें कि जून में इजरायल और अमेरिका ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को नष्ट करने के लिए हमला किया था। उस समय भी कहा गया था कि ईरान को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
बयान
ग्रॉसी ने कहा- ज्यादा यूरेनियम अभी भी सुरक्षित
ग्रॉसी ने कहा, "ईरान का अधिकांश उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार फोर्दो, इस्फहान और नतांज में है और इसे स्थानांतरित नहीं किया गया है। यह संभव है कि भंडार का कुछ हिस्सा स्थानांतरित किया गया हो, लेकिन बहुत अधिक नहीं। हालांकि, वहां संयंत्र बमबारी में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आंशिक रूप से भूमिगत हैं। यहां तक पहुंचने के लिए ईरान का पूर्ण सहयोग जरूरी होगा। यह तभी संभव होगा जब ईरान इसमें राष्ट्रीय हित देखेगा।"
ईरान
फिलहाल ईरान के पास कितना यूरेनियम है?
ग्रॉसी ने कहा कि ईरान के पास लगभग 400 किलोग्राम उच्च संवर्धित यूरेनियम होने की उम्मीद है। इजरायल और अमेरिकी हमलों से पहले माना जाता था कि ईरान के पास 60 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम का लगभग 440 किलोग्राम भंडार था। बता दें कि परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है। हाल ही में ईरान ने 2015 के परमाणु समझौते को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया है।
खामेनेई
खामेनेई ने कहा- परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने का सपना देखते रहिए
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों को भी ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी हमलों ने ईरान की परमाणु सुविधाएं नष्ट हो गईं। खामेनेई ने कहा, "अमेरिका ऐसा करने के सपने देखता रहे। आप कौन होते हैं यह कहने वाले कि अगर किसी देश के पास परमाणु उद्योग है तो उसके पास क्या होना चाहिए या क्या नहीं होना चाहिए?"
हमला
अमेरिका ने फोर्दो सहित 3 ठिकानों पर किया था हमला
अमेरिका ने 22 जून को ईरान में फोर्दो समेत 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इनमें नतांज और इस्फहान थी शामिल है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमलों से तीनों परमाणु सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। अब ईरान को शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। हालांकि, ईरान ने इस हमले में परमाणु सुविधाओं को मामूली नुकसान की बात कही है।