पाकिस्तान: इमरान खान से उनकी बहन की जेल में मुलाकात, जानिए बाहर आकर क्या बताया
क्या है खबर?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत की अफवाहों के बीच उनके समर्थकों के गुस्से को देखते हुए शहबाज शरीफ की सरकार झुक गई है। पाकिस्तान सरकार ने इमरान की एक बहन को रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने की अनुमति दी, जिसके बाद डॉक्टर उजमा खान को उनके भाई से मिलने के लिए जेल ले जाया गया। उनकी बहन को बिना शर्त मिलने की इजाजत दी गई थी।
शर्त
बहन ने बाहर आकर बताया- इमरान खान ठीक हैं
डॉक्टर उजमा ने जेल से बाहर आकर मीडिया को बताया कि उनके भाई इमरान पूरी तरह ठीक हैं, लेकिन उनको अलग जेल में अकेले रखा गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख को सेना प्रमुख असीम मुनीर की ओर से मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है। उजमा ने बताया कि इमरान गुस्से में है और उन्होंने उनके साथ जो कुछ हो रहा है उसके लिए असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया है।
ट्विटर पोस्ट
जेल से बाहर आकर उनकी बहन उजमा ने बात की
#BREAKING: Imran Khan says he is being tortured inside Adiala Jail prison on instructions of Pakistan Army Chief Asim Munir. Imran Khan in solitary confinement in Pakistani prison with no access to outside world. Imran Khan sisters speak to media after meeting him. pic.twitter.com/mGosf6Fubs
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 2, 2025
धारा
पाकिस्तान के 2 शहरों में धारा 144 लागू
पाकिस्तान में PTI के समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी में बड़े प्रदर्शन की धमकी दी है, जिसके बाद धारा 144 लागू की गई है। प्रशासन ने आदेश जारी कर 1 से 3 दिसंबर तक शहर में कोई सार्वजनिक सभा, रैली, जुलूस, धरना-प्रदर्शन और 5 से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर प्रतिबंध लगाया है। पूरे शहर में भारी संख्या में पुलिस भी तैनात है। मोटरसाइकिल पर 2 लोगों के बैठने पर भी रोक लगाई गई है।
जेल
अगस्त 2023 से जेल में हैं इमरान
इमरान अगस्त 2023 से जेल में हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों में 14 साल की सजा काट रहे हैं। उनका दावा है कि ये मामले उन्हें राजनीतिक रूप से किनारे करने के लिए बनाए गए थे, लेकिन सेना इस आरोप से इनकार करती रही है। इमरान 2018 में प्रधानमंत्री चुने गए थे, लेकिन देश की सेना के साथ उनके मतभेद हो गए। अपने कार्यकाल के चार साल बाद, अप्रैल 2022 में विश्वास मत हारने के बाद उन्हें हटा दिया गया।