
कनाडा विदेशी निर्माण श्रमिकों को देगा स्थायी निवास की सुविधा, इससे भारतीयों को कैसे होगा फायदा?
क्या है खबर?
कनाडा की ओर से स्थायी निवास (PR) पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों ने भारतीय प्रवासियों के लिए वहां रहना मुश्किल बना दिया है।
हालांकि, कनाडा सरकार द्वारा हाल में निर्माण श्रमिकों के लिए स्थायी निवास कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा ने भारतीयों के लिए फिर से नए अवसर खोल दिए हैं।
आइए जानते हैं कनाडा का स्थायी निवास कार्यक्रम क्या है, यह क्यों चलाया जाता है और इससे निर्माण श्रमिक और भारतीयों को कैसे फायदा होगा।
कार्यक्रम
क्या है कनाडा का स्थायी निवास कार्यक्रम?
कनाडा में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को वहां स्थायी रूप से रहने की इजाजत दी जाती है। इसके लिए उन्हें परमानेंट रेजिडेंसी (PR) की सुविधा मिलती है।
वहां हर साल आवश्यकता के अनुसार कुछ नए PR कार्यक्रम का ऐलान किया जाता है। इस बार कनाडा के श्रम बाजार को इसकी जरूरत है। ऐसे में साल 2025 में निर्माण श्रमिकों के लिए यह कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है।
हालांकि, सरकार ने इसकी तारीख की घोषणा नहीं की है।
उद्देश्य
क्या है इस कार्यक्रम का उद्देश्य?
स्थायी निवास कार्यक्रम का उद्देश्य कुशल निर्माण श्रमिकों को लाकर कनाडा के आवास संकट को दूर करना है।
इस पहल के तहत कनाडा देश में पहले से मौजूद गैर-दस्तावेज निर्माण श्रमिकों के लिए 6,000 तक स्थान आरक्षित करेगा और कुल 14,000 विदेशी निर्माण श्रमिकों को प्रवेश देगा।
इसके अतिरिक्त, कनाडा योग्य अस्थायी विदेशी श्रमिकों (TFW) को अध्ययन परमिट की आवश्यकता के बिना प्रशिक्षुता कार्यक्रमों में नामांकन की अनुमति भी देगा।
बयान
विदेशी छात्रों को मिलेगा बड़ा लाभ
जालंधर में पिनेकल इमिग्रेशन के विशेषज्ञ तीरथ सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "कई अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के बाद निर्माण संबंधी नौकरियों में काम करते हैं, लेकिन उनके कार्य वीजा की अवधि समाप्त होने वाली है। इस कार्यक्रम में निर्माण संबंधी कार्यों की एक लंबी सूची है और एक बार यह कार्यक्रम शुरू हो जाने के बाद इन छात्रों को इस नए कार्यक्रम के जरिए स्थायी निवास के लिए आवेदन करने का नया अवसर मिलना शुरू हो जाएगा।"
कारण
निर्माण श्रमिकों के लिए क्यों शुरू किया जा रहा है कार्यक्रम?
कनाडा इस समय गंभीर आवास संकट से जूझ रहा है। वहां लोगों के रहने के लिए पर्याप्त घर नहीं हैं। नतीजतन, देश ने 2030 तक 10 लाख नए घर बनाने का लक्ष्य रखा है।
हालांकि, कनाडा को कुशल श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, खास तौर पर निर्माण क्षेत्र में, जो लक्ष्य पूरा करने में एक बड़ी बाधा है।
वर्तमान में निर्माण उद्योग में लगभग 23 प्रतिशत श्रमिक विदेशी नागरिक हैं, जिनमें से कई छात्र शामिल हैं।
फायदा
भारतीयों को कैसे लाभ होगा?
कनाडा के निर्माण क्षेत्र में पहले से काम कर रहे भारतीय छात्र, कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा करने पर नए कार्यक्रम के तहत स्थायी निवास के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
इसमें सिविल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी, निर्माण अनुमान, बढ़ई गीरी, ईंट बिछाने, प्लंबिंग, छत, शीट मेटल वर्क आदि जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले छात्र शामिल हैं।
इसके बाद, इन छात्रों में कुशल निर्माण श्रमिकों को 2030 तक कनाडा में रहने के लिए स्थायी निवास मिल जाएगा।
मजबूरी
कुशल श्रमिकों पर केंद्रित है कनाडा
तीरथ सिंह ने कहा, "कनाडा विशेष रूप से कुशल श्रमिकों पर केंद्रित है, जिसका अर्थ है कि प्रशिक्षुता के माध्यम से औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम, प्रांतीय नामांकित कार्यक्रम (PNP) या निर्माण श्रमिकों के लिए नए स्थायी निवास जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आवेदन करते समय बढ़त मिलेगी।"
उन्होंने कहा, "भारतीय छात्रों को इससे निर्माण क्षेत्र में काम करने या अप्रेंटिसशिप करने में काफी मदद मिलेगी और साथ ही दीर्घकालिक नौकरी की सुरक्षा भी मिलेगी।"