भारतीय मूल के उद्यमी ऋषि शाह ने अमेरिका में कैसे की हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी?
फार्मास्युटिकल विज्ञापन कंपनी आउटकम हेल्थ के भारत और अमेरिकी मूल के पूर्व सह-संस्थापक ऋषि शाह को अमेरिकी अदालत ने गत 26 जून को 1 अरब डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी के मामले में साढ़े 7 साल जेल की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने पिछले साल कंपनी की पूर्व अध्यक्ष श्रद्धा अग्रवाल और मुख्य परिचालन अधिकारी ब्रैड पर्डी को भी दोषी ठहराया था। इस मामले ने अमेरिका के दिग्गज निवेशकों को हिलाकर रख दिया है।
ऋषि ने साल 2006 में की थी कंपनी की शुरुआत
ऋषि ने अपने कॉलेज की डिग्री के दौरान ही आउटकम हेल्थ कंपनी की कल्पना कर ली थी। इसके बाद पढ़ाई पूरी करने के साथ ही साल 2006 में कंपनी स्थापित कर अपनी कल्पना को मूर्त रूप दे दिया। इसमें उन्होंने अमेरिका में डॉक्टरों के कार्यालयों में टेलीविजन स्क्रीन और टैबलेट इंस्टॉल किए थे। उसके बाद ग्राहकों को उन डिवाइसेज पर विज्ञापन के लिए जगह बेचना शुरू कर दिया। उनके ग्राहकों में ज्यादातर फार्मा कंपनियां थीं।
आउटकम हेल्थ को तेजी से मिली सफलता
दवा कंपनियों के विज्ञापन इन स्क्रीन्स पर चलाए जाते थे और उन्हें विज्ञापन चलाने का बिल भेजा जाता था। ऐसे में 2010 तक आउटकम हेल्थ ने बड़ी तेजी से सफलता हासिल कर ली। कंपनी की इस सफलता ने हाई-प्रोफाइल निवेशकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया। इनमें गोल्डमैन साक्स ग्रुप इंक, गूगल पेरेंट अल्फाबेट इंक और इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर की कंपनी भी शामिल थी। इन्होंने आउटकम में 50 करोड़ डॉलर (लगभग 4,150 करोड़ रुपये) का निवेश कर दिया।
ऋषि ने कैसे की धोखाधड़ी?
आउटकम की सफलता के पीछे ऋषि का कुटिल दिमाग काम कर रहा था। कंपनी ने अपने ग्राहकों (दवा कंपनियों) को दिखाया कि स्क्रीन्स पर विज्ञापन अनुबंध के अनुसार दिखाए जा रहे हैं, जबकि उसमें गड़बड़ की जा रही थी। कंपनी अनुबंध से कम विज्ञापन चला रही थी और उनकी जगह अन्य ग्राहकों के विज्ञापन दिखाए जा रहे थे। इसी तरह ग्राहकों को भेजे जाने वाले बिलों में भी हेर-फेर हो रही थी। इससे कंपनी का राजस्व तेजी से बढ़ता गया।
शाही जीवन शैली ने बिगाड़ा खेल
कंपनी की सफलता के साथ ऋषि की शाही जीवन शैली ने लोगों का ध्यान उनकी और आकर्षित किया। इसमें उनका प्राइवेट जेट और 1 करोड़ डॉलर (करीब 83 करोड़ रुपये) का घर खरीदना था। 2017 में उनकी कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर से अधिक थी।
कैसे हुआ ऋषि की धोखाधड़ी का खुलासा?
अक्टूबर 2017 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक लेख ने आउटकम हेल्थ की संभावित धोखाधड़ी का खुलासा कर दिया। इसके बाद संघीय जांच शुरू हो गई। 2019 में शाह, अग्रवाल और पर्डी पर निवेशकों, ऋणदाताओं और ग्राहकों के खिलाफ लगभग 8,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। अभियोजकों ने आरोप लगाया कि आउटकम हेल्थ ने कम विज्ञापन चलाए और बिलों में हेराफेरी कर ग्राहकों से पूरा पैसा वसूल किया था।
कोर्ट ने ऋषि, श्रद्धा और पर्डी को ठहराया दोषी
इस मामले में कोर्ट ने अप्रैल 2023 में ऋषि को मेल फ्रॉड के 5 मामलों, वायर फ्रॉड (टेलिकम्यूनिकेशन या इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से की गई धोखाधड़ी) के 10 मामलों, बैंक फ्रॉड के 2 और मनी लॉन्ड्रिंग के 2 मामलों में दोषी ठहराया था। इसी तरह श्रद्धा को मेल फ्रॉड के 5 मामलों, वायर फ्रॉड के 8 मामलों और बैंक फ्रॉड के 2 मामलों में दोषी पाया गया है। इसके अलावा पर्डी को 13 मामलों में दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट ने 26 जून को किया सजा का ऐलान
इस मामले में जिला न्यायाधीश थॉमस डर्किन ने 26 जून, 2024 को फैसला सुनाते हुए ऋषि को साढ़े 7 साल, ऋद्धा को 3 साल और पर्डी को 2 साल 3 महीने जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि भले ही ऋषि का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है, लेकिन वह लालच से प्रेरित था और कुछ बड़ा करना चाहता था। संघीय अभियोजक काइल हैंकी ने भी शाह को सबसे दोषी प्रतिवादी और धोखाधड़ी का प्राथमिक आयोजक बताया था।
ऋषि ने मांगी सार्वजनिक माफी
सजा सुनाए जाने के बाद ऋषि ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पश्चाताप की बात कही और अपराध की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि वह इस अपराध के लिए शर्मिंदा और क्षमा प्राथी हैं। इसके कारण ही उनकी कंपनी खत्म हो गई।