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अमेरिका 30 साल बाद फिर से शुरू करेगा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने क्यों लिया ये फैसला?
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया

अमेरिका 30 साल बाद फिर से शुरू करेगा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने क्यों लिया ये फैसला?

लेखन गजेंद्र
Oct 30, 2025
09:37 am

क्या है खबर?

दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से कुछ देर पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका एक बार फिर परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करेगा। उन्होंने इस परीक्षण के पीछे रूस और चीन की कार्रवाईयों का हवाला दिया है। ट्रंप ने यह घोषणा सोशल मीडिया ट्रुथ पर की है। अमेरिका अगर परमाणु परीक्षण करता है तो यह 1992 के बाद पहली बार होगा। अमेरिका ने तब से परीक्षण पर स्वैच्छिक रोक लगाई थी।

बयान

ट्रंप ने कहा- मजबूर हूं

ट्रंप ने लिखा कि उन्हें हमेशा से परमाणु हथियारों की प्रकृति से नफरत रही है, लेकिन चीन-रूस से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण वे हथियारों का विस्तार करने को मजबूर हैं। उन्होंने लिखा, 'अमेरिका के पास अन्य की तुलना में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। यह सब मेरे पहले कार्यकाल के दौरान संभव हुआ, जिसमें मौजूदा हथियारों का पूर्ण नवीनीकरण भी हुआ। इसकी प्रचंड विनाशकारी शक्ति के कारण, मुझे ऐसा करना बुरा लगता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था!'

बयान

अगले 5 साल में बराबरी पर आएंगे- ट्रंप

ट्रंप ने आगे लिखा कि परमाणु हथियारों के मामले में रूस दूसरे स्थान पर है और चीन काफी दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले 5 सालों में तीनों देश बराबरी पर आ जाएंगे। उन्होंने लिखा कि अन्य देशों के परमाणु परीक्षण कार्यक्रमों के कारण उन्होंने भी युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका के परमाणु हथियारों का समान परीक्षण शुरू करें और यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।

तनाव

क्या है इस फैसले के मायने?

ट्रंप का फैसला अमेरिका के एक बड़े नीतिगत बदलाव को दिखाता है, जो अंतरराष्ट्रीय परीक्षण प्रतिबंध मानदंडों के तहत दशकों से चली आ रही संयमता को तोड़ता है। अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परीक्षण किया था। हालांकि, उसके बाद उसने उप-महत्वपूर्ण प्रयोग किए हैं। 1992 से अमेरिका अपने शस्त्रागार की सुरक्षा-विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन और सबक्रिटिकल परीक्षणों पर निर्भर रहा है। ट्रंप का फैसला वाशिंगटन के परमाणु प्रतिद्वंद्वियों के साथ संबंधों में अधिक तनाव पैदा करेगा।

तनाव

चीन और रूस भी बढ़ा रहे हैं क्षमता

रूस ने हाल में प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौतों से खुद को अलग कर लिया है और अपनी उन्नत परमाणु क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने रूस के पोसाइडन परमाणु ऊर्जा संचालित सुपर टॉरपीडो के सफल परीक्षण की घोषणा की, जिसके बाद 21 अक्टूबर को बुरेवेस्टनिक परमाणु क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया और उसके बाद रणनीतिक बलों के साथ प्रक्षेपण अभ्यास किया गया। बीजिंग ने भी अपने हथियारों के आधुनिकीकरण में तेजी लाई है।