कोरोना वायरस: संक्रमित लोगों की रिपोर्ट भी आ सकती है नेगेटिव, बढ़ी चिंता
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। लोग लगातार अपनी जांच करा रहे हैं। ऐसे में यदि आपने भी अपनी जांच कराई और वह नेगेटिव आई है तो आपको निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी आप संक्रमित हो सकते हैं। इसको लेकर कोरोना वायरस पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी जारी की है। इस चेतावनी ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
टेस्टिंग किट से 100 प्रतिशत सही जांच की नहीं है गारंटी
वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए पॉलीमेरेज चेन रिएक्शन यानी RT-PCR तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक में बलगम के नमूने से कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। इसी बीच मिनेसोटा के मेयो क्लीनिक की एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रिया संपतकुमार ने दावा किया है कि वर्तमान तकनीक से कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर 100 प्रतिशत सही जांच की गारंटी नहीं दी जा सकती।
सही जांच नहीं हो पाने के पीछे यह बताया गया है कारण
डॉ कुमार ने बताया कि जांच के दौरान कई चीजें ऐसी होती हैं जो वायरस की उपस्थिति के दावे को प्रभावित करती हैं। इसमें प्रमुख यह है कि संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और अन्य शारीरिक कार्यों से कितना वायरस बाहर आ रहा है। इसके अलावा जांचकर्ता ने किस तरह से नमूना एकत्र किया या फिर उसने नमूना लेने में उचित प्रक्रिया अपनाई या नहीं। ऐसे में अभी भी परीक्षण की विश्वसनीयता पर और अध्ययन करना आवश्यक है।
चीन में सामने आए इस तरह के 60 प्रतिशत मामले
कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे पहले चीन में शुरू हुआ था। वहां भी सरकार ने अधिकतर लोगों की जांच की थी, लेकिन 60 प्रतिशत लोगों के संक्रमण के बाद भी शुरुआती रिपोर्ट नेगेटिव आई थीं। यह आंकड़ा पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा रहा है।
रिपोर्ट में सटीक अनुमान लगाना मुश्किल
डॉ कुमार ने बताया कि विभिन्न कंपनियां अलग-अलग तरीके से परीक्षण कर रही हैं, लेकिन इसके परिणाम का सटीक अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। ऐसे में दुनिया में संक्रमण बढ़ने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कैलिफोर्निया में मई तक 50 प्रतिशत लोगों में संक्रमण पहुंचने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि कुल जनसंख्या के एक प्रतिशत की जांच करने के बाद भी 20,000 संक्रमित लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रयोगशाला के कार्यों पर निगरानी रखने की जरूरत
डॉ कुमार ने बताया कि सटीक परिणाम के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रयोगशाला के कार्यों पर नजर रखने की जरूरत है। नाक से स्वैब परीक्षण के लिए अनुभवी टेक्नीशियन की जरूरत होती है। इसका कारण है कि यह स्वैब नाक और गले की बीच से लिया जाता है। यदि सही तरह से स्वैब नहीं लिया गया तो मरीज के संक्रमित होने के बाद भी रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ सकता है।
नाक से लिए गए नमूने से तीन बार नेगेटिव आई रिपोर्ट
बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिंस अस्पताल के डॉक्टर डैनियल ब्रेन ने बताया कि उन्होंने एक मरीज की नाक से तीन बार नमूने लिए और रिपोर्ट तीनों बाद नेगेटिव आई। इसके बाद भी उसकी तबीयत ठीक नहीं हुई। बाद में उन्होंने मेडिकल टीम ने वाइंडपाइप के जरिए सीधे उसके फेफड़ो से नमूना लेकर जांच की। इसमें उसके संक्रमण की पुष्टि हो गई। ऐसे में उन्होंने जांच के लिए अनुभवी लैब टेक्निशियनों और डॉक्टरों को नियुक्त करने की सलाह दी गई है।
ऐसे रहता है संक्रमण के फैलने का खतरा
डॉ कुमार ने बताया कि किसी मरीज के जांच के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आने पर वह निश्चिंत हो जाता है। इसके बाद वह खुद को खुले में घूमने और अन्य लोगों से मिलने के लिए स्वतंत्र महसूस करता है। जब वह अन्य लोगों से मिलता-जुलता है तो वह संक्रमण आगे तक बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को अभी रिपोर्ट के नेगेटिव आने के बाद भी निश्चिंत नहीं होना चाहिए और फिर से जांच करानी चाहिए।
दुनिया में 17 लाख के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या
दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या एक लाख से पार पहुंच गई है। खबर लिखे जाने तक 17.03 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और 1,02,897 लोग जान गंवा चुके थे। पिछले साल चीन में शुरू हुई इस महामारी पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या अमेरिका में 5.03 लाख है, जबकि मृतकों की संख्या इटली में 18,849 है। भारत में संक्रमितों की संख्या 8,356 हो गई है।