
कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को घोषित किया आतंकवादी संगठन, जानिए क्या होंगे परिणाम
क्या है खबर?
कनाडा में प्रधानमंत्री मार्क कॉर्नी की सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। यह घोषणा सोमवार को सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने की। उन्होंने गिरोह को आपराधिक संहिता के तहत आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। कनाडा सरकार ने विज्ञप्ति में बताया कि बिश्नोई गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन है जो मुख्यतः भारत से सक्रिय है और कनाडा में भी इनकी उपस्थिति प्रवासी समुदाय वाले क्षेत्रों में है।
आतंकवाद
कनाडा के मंत्री ने क्या कहा?
कनाडाई मंत्री गैरी ने बयान में कहा, "कनाडा में हर व्यक्ति को अपने घर और समुदाय में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है और एक सरकार के रूप में उनकी सुरक्षा करना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है। बिश्नोई गिरोह द्वारा विशिष्ट समुदायों को आतंक, हिंसा और धमकी के लिए निशाना बनाया गया है। आपराधिक आतंकवादियों के इस समूह को सूचीबद्ध करने से हमें उनके अपराधों का सामना करने और उन्हें रोकने के लिए और अधिक शक्तिशाली और प्रभावी साधन मिलते हैं।"
आरोप
बिश्नोई गिरोह पर क्या लगाया आरोप?
कनाडा सरकार ने बताया कि बिश्नोई गिरोह हत्या, गोलीबारी और आगजनी में लिप्त है और जबरन वसूली व धमकी के माध्यम से आतंक फैलाता है। सरकार के मुताबिक, गिरोह प्रवासी समुदायों, उनके प्रमुख सदस्यों, व्यवसायों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाकर उनमें असुरक्षा का माहौल बनाते हैं। सरकार ने कहा कि बिश्नोई गिरोह को सूचीबद्ध करने से कनाडा की सुरक्षा, खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उनके अपराधों से निपटने और समुदायों को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
कार्रवाई
संपत्ति को सीज करेगी सरकार
कनाडा सरकार ने बताया कि बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद कनाडा में उस समूह के स्वामित्व वाली कोई भी संपत्ति, वाहन, धन को फ्रीज या जब्त किया जा सकता है। साथ ही कनाडाई कानून प्रवर्तन को आतंकवादी अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए अधिक छूट मिलती है, जिसमें वित्तपोषण, यात्रा और भर्ती से संबंधित अपराध शामिल हैं। आपराधिक संहिता सूची का उपयोग कनाडा में प्रवेश पर निर्णय लेने के लिए भी कर सकते हैं।
अपराध
बिश्नोई गिरोह की मदद करना अब होगा अपराध
कनाडा सरकार के आदेश में कहा गया है कि अब कोई कनाडाई नागरिक सीधे या परोक्ष रूप से बिश्नोई गिरोह की मदद करता है या उसकी संपत्ति से लेनदेन करता है वो अपराध की श्रेणी में आएगा। पिछले साल RCMP ने दावा किया था कि भारत बिश्नोई गैंग का इस्तेमाल कनाडा में खालिस्तान की मांग का समर्थन करने वालों की हत्याएं कराने और उगाही करवाने में कर रहा है। हालांकि, भारत ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
मांग
कनाडा में लंबे समय से चल रही थी मांग
कनाडा में बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग लंबे समय से चल रही थी। इसी साल मई में बिश्नोई गिरोह ने ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर में हरजीत सिंह ढड्डा समेत भारतीय मूल के 3 व्यापारियों की हत्या कर जिम्मेदारी ली थी। उसके बाद ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी समेम कई राजनेताओं ने गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग तेज कर दी थी। उस पर सरकार ने उचित कदम उठाने का भरोसा दिया था।
पहचान
कौन हैं लॉरेंस बिश्नोई?
बिश्नोई पंजाब का चर्चित गैंगस्टर है। उस पर दिल्ली और राजस्थान में भी मामले दर्ज हैं। 12 फरवरी, 1993 को पंजाब के फिरोजपुर में जन्मे बिश्नोई के पिता हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल थे। बिश्नोई ने पंजाब यूनिवर्सिटी से LLB की है और यहीं से वो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हो गया। उसके खिलाफ शुरूआती मामले चंडीगढ़ और पड़ोसी राज्यों में दर्ज किए गए। रिपोर्ट्स हैं कि उसकी गैंग में 700 लोग हैं जो कनाडा समेत कई देशों में फैले हैं।
जेल
वर्तमान में साबरमती जेल में बंद है बिश्नोई
बता दें कि बिश्नोई वर्तमान में गुजरात के साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उसे अगस्त 2023 में सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी के मामले में तिहाड़ जेल से वहां शिफ्ट किया गया था। पुलिस उसे जेल से बाहर न आने देने को लेकर सतर्क रहती है। उसे जैसे ही उसे किसी मामले में जमानत मिलती है, पुलिस अन्य किसी मामले में उसे गिरफ्तार कर लेती है और इस तरह उसे जेल से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।