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शेख हसीना को मौत की सजा, लेकिन पूर्व पुलिस अधिकारी को 5 साल की जेल क्यों?
शेख हसीना के समय पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला मामून को सिर्फ 5 साल की सजा हुई है

शेख हसीना को मौत की सजा, लेकिन पूर्व पुलिस अधिकारी को 5 साल की जेल क्यों?

लेखन गजेंद्र
Nov 17, 2025
05:13 pm

क्या है खबर?

बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। उनके साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मौत की सजा मिली, लेकिन पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला मामून फांसी से बच गए। कोर्ट ने उन्हें 5 साल जेल की सजा सुनाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर IGP कम दोषी कैसे हैं? आइए, जानते हैं।

सजा

मामून कैसे बचे?

बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, सह-अभियुक्त मामून ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और सरकारी गवाह बन गए हैं। जुलाई में, ICT-1 ने सरकारी गवाह के रूप में गवाही देने की उसकी याचिका स्वीकार कर ली थी, जिससे उसे मृत्युदंड से बचने में मदद मिली। जुलाई में कार्यवाही के दौरान, ICT ने मामून के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए और पूछा कि क्या वह उनकी जिम्मेदारी लेता है। मामून ने आरोप स्वीकार कर लिया और ICT की सहायता की इच्छा व्यक्त की।

हिरासत

मामून ने ICT से कहा- मुझे माफ करें

सितंबर में अल-मामून ने एक सरकारी गवाह के रूप में पेश होकर पिछले साल जुलाई में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 'नरसंहार' के लिए हसीना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इन हत्याओं के लिए राष्ट्र और पीड़ितों व उनके परिवारों से औपचारिक माफी भी मांगी। मामून ने ICT से कहा, "ये हत्याएं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के सीधे आदेश पर की गईं। कृपया मुझे माफ करें।"

जानकारी

हिरासत में है मामून

पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद 78 वर्षीय हसीना भारत आ गई थीं, जबकि कमाल भगोड़ा घोषित हैं। पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-मामून हिरासत में ले लिए गए थे, जिसके कारण उन्होंने खुद को बचाने के लिए सरकारी गवाह बनना तय किया।

नाराजगी

मामून के खिलाफ फैसले से नाराजगी

मामून को 5 साल जेल की सजा सुनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। एक पीड़ित परिवार के सदस्यों ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई। एक पीड़ित के परिवार के सदस्य ने कहा कि हसीना और कमाल को मौत की सजा मिली, लेकिन मामून, जिसने हमारे बच्चों पर आसमान से गोली चलाई, उसके के लिए सिर्फ 5 साल की जेल को स्वीकार नहीं किया जा सकता। मामून की सजा के खिलाफ अपील हो सकती है।