बांग्लादेश: ढाका में 200 लोगों की भीड़ का इस्कॉन राधाकांता मंदिर पर हमला, कई लोग घायल
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
गुरुवार को राजधानी ढाका के वारी क्षेत्र में 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर हमला कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने मंदिर में जमकर तोड़फोड़ करने के बाद लूटपाट भी की।
इस घटना में मंदिर में मौजूद कई हिंदू समुदाय के लोग घायल हो गए। बाद में सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया।
हमला
होलिका दहन से पहले किया गया हमला
इंडिया टुडे के अनुसार, गुरुवार शाम करीब 7 बजे होलिका दहन से पहले हाजी शफीउल्लाह के नेतृत्व में 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट स्थित इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर हमला बोल दिया।
उस दौरान लोग होलिका दहन की तैयारियों में जुटे थे। भीड़ में शामिल लोगों ने न केवल मंदिर में तोड़फोड़ की, बल्कि वहां रखी कीमती वस्तुओं को भी लूट लिया। विरोध करने पर लोगों से मारपीट की गई।
बयान
घायलों का चल रहा है अस्पताल में उपचार- पुलिस
वारी पुलिस ने बताया कि शाम को अचानक अज्ञात लोगों की भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था। इसमें कई लोग घायल हो गए। आस-पास के लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस को देखकर सभी हमलावर मौके से फरार हो गए।
इसके बाद पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका उपचार जारी है।
पुलिस ने बताया कि हमलावरों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, घटना के संबंध में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
निंदा
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने की हमले की निंदा
इधर, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कड़े शब्दों में हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र (UN) पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जो डोल यात्रा और होली समारोह की पूर्व संध्या पर हुई है। कुछ दिनों पहले UN ने 15 मार्च को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन आश्चर्य है कि वह हिंदुओं के रोने पर खामोश है।"
बयान
UN को है केवल इस्लामोफोबिया की चिंता- दास
दास ने कहा, "हमें आश्चर्य है कि UN हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा पर मौन है। कितने हिंदू अल्पसंख्यकों ने अपनी जान गंवाई, संपत्तियां खो दी और बलात्कार झेले, लेकिन अफसोस UN को केवल इस्लामोफोबिया की चिंता हैं।"
पुनरावृत्ति
पहले भी हो चुके हैं हिंदु मंदिरों पर हमले
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी नवरात्रि के दौरान बांग्लादेश के कोमिला शहर में नानूर दिघी झील के पास कुछ दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किए गए थे।
उस दौरान कई मंदिरों को भी निशाना बनाया गया था। उन हमलों में दो हिंदुओं समेत कुल सात लोगों की मौत हुई थी।
उस दौरान भी हमलावरों ने ढाका इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हमले
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार समूह एन ओ सलीश केंद्र (ASK) की माने तो जनवरी 2013 से मार्च 2022 के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,700 से अधिक हमले हुए हैं।
हमलों में हिंदू समुदाय के 559 घरों और 442 दुकानों को आग लगाई गई। इसी तरह हिंदू मंदिरों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी के 1,700 मामले सामने आए।
इन घटनाओं में 11 हिंदुओं की मौत हुई है और 862 से अधिक लोग घायल हुए हैं।