राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल नहीं होंगे अखिलेश यादव और मायावती- रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' से दूर रह सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी को यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने पर इसमें शामिल होने का न्योता भेजा है, लेकिन इन तीनों का ही इसमें शामिल होना मुश्किल है। यात्रा जनवरी के पहले हफ्ते में उत्तर प्रदेश में दाखिल होगी।
कांग्रेस का विरोध करती रही हैं मायावती, यात्रा में शामिल न होना अप्रत्याशित नहीं
बसपा प्रमुख मायावती हालिया समय में कांग्रेस की कट्टर विरोधी रही हैं, ऐसे में उनका यात्रा में शामिल न होना कोई अप्रत्याशित बात नहीं है। 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने लोगों से कांग्रेस को वोट न देने की अपील करते हुए कहा था कि इससे केवल भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा होगा। मायावती हालिया समय में भाजपा के नजदीक भी गई हैं और कई मुद्दों पर उन्होंने भाजपा से मिलती-जुलती भाषा बोली है।
हम यात्रा के समर्थन में, लेकिन गठजोड़ की अटकलों को हवा नहीं देना चाहते- सपा
NDTV के सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव का यात्रा में शामिल होना मुश्किल है, लेकिन अभी ये स्पष्ट नहीं है कि वह अपने प्रतिनिधि के तौर पर सपा के किसी नेता को भेजेंगे या नहीं। पार्टी प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने चैनल से कहा कि सपा भारत जोड़ो यात्रा के विचार का समर्थन करती है, लेकिन संभावित राजनीतिक गठजोड़ की अटकलों को हवा देकर वह इसे खराब नहीं करना चाहती।
जयंत चौधरी ने कहा- मेरा पहले से ही कार्यक्रम तय
RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने भी NDTV से बात करते हुए कहा कि उनका पहले से ही एक कार्यक्रम है और वह यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। पार्टी प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने कहा कि RLD यात्रा का समर्थन करती है, लेकिन इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम राजस्थान में पहले से ही कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं। हम वैचारिक तौर पर यात्रा का समर्थन करते हैं।"
क्या हैं अखिलेश और जयंत के शामिल न होने के मायने?
कांग्रेस को एहसास है कि 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उसे अखिलेश की जरूरत होगी, इसलिए उसने अखिलेश और उनके सहयोगी जयंत को यात्रा में शामिल होने का न्योता भेजा था। वहीं यात्रा में शामिल न होकर अखिलेश ने राजनीतिक गठजोड़ की तरफ सावधानी से कदम बढ़ाने और इसे लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित न होने का संकेत दिया है। 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा गठबंधन का बुरा प्रदर्शन इसकी एक मुख्य वजह है।
क्या है भारत जोड़ो यात्रा?
राहुल तमाम कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल मार्च कर रहे हैं जिसे 'भारत जोड़ो यात्रा' नाम दिया गया है। 3,570 किलोमीटर की यह यात्रा तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से होकर जा चुकी है। इस यात्रा का मकसद मोदी सरकार में बढ़ रही आर्थिक असमानता, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ देश को एकजुट करना है।