लीबिया: विद्रोही समूह द्वारा बंधक बनाए गए 9 भारतीय नाविक 5 महीने बाद रिहा
क्या है खबर?
लीबिया में अज जाविया नाम के एक स्थानीय सशस्त्र समूह द्वारा बंधक बनाए गए 9 भारतीय नाविकों को 5 महीने बाद रिहा कर दिया गया। वो जनवरी से कैद में थे।
सभी नाविक कैमरून के माया 1 जहाज के चालक दल का हिस्सा थे। जहाज ग्रीक कंपनी मेसर्स रेडविंग्स शिपिंग एसए का था, जो जांजौर इलाके में खराब हो गया था। इसके बाद उन्हें बंधक बनाया गया।
नाविकों की रिहाई का श्रेय 2 प्रमुख लोगों को दिया जा रहा है।
रिहाई
कौन हैं वो 2 लोग, जिनकी मदद से मुमकिन हुई रिहाई?
भारतीय नाविकों की रिहाई को मुमकिन करने में जिन 2 लोगों का नाम लिया जा रहा है, उनमें बेंगाजी में इंडियन इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य तबस्सुम मंसूर और ट्यूनीशिया में भारत के राजदूत नगुलखम जथोम गंगटे शामिल हैं।
तबस्सुम ने विद्रोही समूह के साथ बातचीत करने के लिए अपने व्यापक नेटवर्क का इस्तेमाल किया। इससे बातचीत हो सकी और नाविकों के भारत लौटने का रास्ता साफ हुआ। तबस्सुम लीबिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए पहचानी जाती हैं।