
अमेरिका में लापता हुए भारतीय मूल के 4 लोग मृत मिले, पुलिस ने की पुष्टि
क्या है खबर?
अमेरिका में न्यूयॉर्क के बैफेलो से पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग की सड़क यात्रा के दौरान अचानक लापता हुए भारतीय मूल के एक ही परिवार के 4 सदस्य मृत अवस्था में मिले हैं। गुमशुदगी की रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में आशा दीवान (85), किशोर दीवान (89), शैलेश दीवान (86) और गीता दीवान (84) शामिल हैं। परिवार को आखिरी बार 29 जुलाई को दोपहर लगभग 2:45 बजे पेनसिल्वेनिया स्थित एरी में पीच स्ट्रीट के एक बर्गर किंग आउटलेट पर देखा गया था।
बयान
मार्शल काउंटी शेरिफ ने जारी किया बयान
मार्शल काउंटी शेरिफ माइक डफर्टी ने कहा, "लापता हुए चारों व्यक्ति एक वाहन दुर्घटना के बाद मृत पाए गए हैं। उनकी कार शनिवार (2 अगस्त) रात लगभग 9:30 बजे बिग व्हीलिंग क्रीक रोड के किनारे एक खड़ी चट्टान के पास दुर्घटनाग्रस्त हालत में मिली है।" उन्होंने कहा, "प्राथमिक उपचार दल 5 घंटे तक घटनास्थल पर मौजूद रहा। वह पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।"
सुराग
CCTV फुटेज में नजर आया था परिवार
मार्शल काउंटी शेरिफ विभाग की ओर से पहले कहा गया था कि रेस्टोरेंट के CCTV की फुटेज में परिवार के 2 सदस्यों को परिसर में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। इसके अलावा, उनका सबसे नवीनतम क्रेडिट कार्ड लेनदेन भी उसी स्थान पर हुआ था, जिससे यह उनका अंतिम सत्यापित पड़ाव बना था। परिवार पश्चिम वर्जीनिया के माउंड्सविले जा रहे थे और उनकी प्रभुपाद के स्वर्ण महल में रात बिताने की योजना थी, लेकिन वह पहुंचे ही नहीं।
लोकेशन
माउंड्सविले और व्हीलिंग में मिली थी मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन
मार्शल काउंटी शेरिफ विभाग के अनुसार, मोबाइल टावर डाटा से 30 जुलाई की सुबह लगभग 3 बजे माउंड्सविले और व्हीलिंग इलाकों में लापता लोगों के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन मिली थी। अधिकारी तलाश में जुटे थे, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा था। विभाग ने लोगों से लापता परिवार का पता लगाने में मदद करने वाली जानकारी साझा करने की अपील की थी। कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी उनका पता लगाने में जुटी थी।
आभार
शेरिफ डफर्टी ने जताया लोगों का आभार
शेरिफ डफर्टी ने कहा, "दुर्घटना के कारण की अभी पुष्टि नहीं हुई है। जांच पूरी होने के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी।" उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि यह वह परिणाम नहीं है जिसकी किसी ने भी उम्मीद की थी। हम तलाशी के दौरान जनता की सहायता के लिए आभारी हैं और यह पता लगाने के लिए साझेदार एजेंसियों के साथ काम करना जारी रखेंगे कि आखिर भारतीय मूल के लोगों के साथ क्या हुआ था।"