Page Loader
द्वितीय विश्व-युद्ध के योद्धा और टिक-टॉक सितारे 'पापा जेक' का 102 साल की उम्र में निधन
टिक-टॉक स्टार पापा जेक का हुआ निधन

द्वितीय विश्व-युद्ध के योद्धा और टिक-टॉक सितारे 'पापा जेक' का 102 साल की उम्र में निधन

लेखन सयाली
Jul 21, 2025
03:39 pm

क्या है खबर?

द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धा और टिक-टॉक स्टार 'पापा जेक लार्सन' का 102 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। अमेरिका के मिनेसोटा स्थित ओवाटोना में 20 दिसंबर, 1922 को उनका जन्म हुआ था। लार्सन 1938 में मात्र 15 साल की आयु में नेशनल गार्ड में भर्ती हो गए थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी उम्र के बारे में झूठ बोला था। जीवन के अंतिम दिनों में वह टिक-टॉक पर वायरल थे और उनके 12 लाख प्रशंसक भी थे।

निधन

पोती ने दी लार्सन के निधन की जानकारी 

लार्सन की पोती मैककैला ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर उनके निधन की जानकारी दी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "हमारे प्यारे पापा जेक का 17 जुलाई को 102 साल की उम्र में निधन हो गया। वह शांति से चले गए।" उन्होंने आगे कहा, "जैसा की पापा कहते, हम आप सभी से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।" मैककैला ने बताया कि लार्सन अपने अंतिम पलों में भी सभी को हंसाने के लिए चुटकुले सुना रहे थे।

युद्ध

लार्सन ने फ्रांस के खिलाफ लड़ी थी लड़ाई 

लार्सन को उत्तरी आयरलैंड में तैनात किया गया था, जहां उन्हें ऑपरेशन सार्जेंट की उपाधि दी गई थी। उन्होंने नॉरमैंडी आक्रमण की योजना बनाने का काम किया। लार्सन लगभग 16 लाख सैनिकों में से एक थे, जिन्होनें 6 जून 1944 को नॉरमैंडी में ओमाहा बीच पर उतरकर फ्रांस पर आक्रमण किया था। जर्मन गोलीबारी से उनकी जान बच गई थी और उसके बाद वह बल्ज की लड़ाई में लड़ने चले गए थे।

टिक-टॉक

सोशल मीडिया पर बन गए थे लोगों के पसंदीदा

लार्सन की बहादुरी के लिए उन्हें कांस्य स्टार और फ्रांस का लीजन ऑफ ऑनर पुरस्कार भी दिया गया था। वह अपने टिक-टॉक अकाउंट पर विश्व युद्ध के किस्से सुनाया करते थे और अपने साथियों को भी याद किया करते थे। वह युद्ध की गंभीर कहानियां मजाकिया अंदाज में सुनाते थे, जिससे वह लोगों के प्रिय बन गए थे। उनके 'स्टोरी टाइम विद पापा जेक' को देखने के लिए बड़े, बुजुर्ग और बच्चे सभी उनके पेज पर आते थे।

लार्सन

अमेरिका के लोग लार्सन को दे रहे श्रद्धांजलि

अंतिम सांस लेने से 3 हफ्ते पहले लार्सन को ब्रिटिश-ईरानी पत्रकार क्रिस्टियन अमनपुर के साथ पिछले वर्ष के D-डे की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में लिए गए इंटरव्यू के लिए एमी पुरस्कार मिला था। 2024 में उन्होंने कहा था कि वह कोई नायक नहीं हैं और वह विश्व नेताओं से आग्रह करते हैं कि युद्ध न करें और शांति बनाए रखें। अमेरिका और नॉरमैंडी शहरों से लार्सन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके प्रशंसक भी उनके जाने पर गमगीन हैं।