कनाडा: महिला को अपने पिता के घर की सफाई के दौरान मिला जिंदा बम, जानें मामला
क्या है खबर?
ग्रेनेड एक तरह का बम होता है, जिसका इस्तेमाल अमूमन युद्ध के दौरान किया जाता है।
हालांकि, हाल ही में कनाडा की एक महिला को अपने पिता के घर की सफाई के दौरान जिंदा ग्रेनेड मिला। इसके बाद उन्होंने बम निरोधक दस्ते को बुलाया।
यह ग्रेनेड काफी सालों से एक टूलबॉक्स में बंद था और इसका पता महिला को पहले कभी नहीं चला क्योंकि उनके पिता टूलबॉक्स वाले कमरे को बंद रखते थे।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
मामला
क्या है मामला?
क्यूबेक के शहर नॉलटन में केड्रिन सिम्स ब्राचमैन नामक महिला को अपने पिता फ्रैंक सिम्स के घर की सफाई करते समय एक टूलबॉक्स में जिंदा ग्रेनेड मिला।
केड्रिन ने CTV न्यूज को बताया, "मेरे पिता की मृत्यु बीते साल अक्टूबर में हो गई थी और तब के बाद मैं बीते शुक्रवार (15 मार्च) को उनके घर के टूल रूम में गई, जहां कुछ ढूंढते हुए मुझे एक टूलबॉक्स में जिंदा ग्रेनेड मिला।"
इसके बाद उन्होंने पुलिस को बुलाया।
जानकारी
पुलिस ने कनाडाई सशस्त्र बल के जवानों को बुलाया
पुलिस के केड्रिन के घर पहुंचने पर एक अधिकारी ने कहा कि कनाडाई सशस्त्र बल को बुलाना होगा, जिसके बाद सेना के कुछ जवान आए।
जवानों ने बताया कि यह एक प्राचीन और जिंदा ग्रेनेड था, जिसमें एक डेटोनेटर और बाकी चीजें थीं, इसलिए वह तुरंत ही उसे अपने ट्रक में लोड करके ले गए।
केड्रिन ने कहा कि उनके पिता ने कई सालों से ग्रेनेड को छिपाकर रखा था और किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगी।
पोस्ट
लगभग 30 सालों से फ्रैंक ने एक टूलबॉक्स में छिपाया हुआ था ग्रेनेड
केड्रिन ने यह भी बताया कि उन्होंने ग्रेनेड को काफी समय पहले देखा था।
उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक पोस्ट भी साझा किया और उसमें लिखा कि उन्होंने लगभग 30 साल पहले ग्रेनेड देखा था, जिसे पिताजी उनके दादाजी के घर से लाए थे और उन्होंने कहा था कि वह इसे कहीं दूर जाकर छोड़ आएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने लिखा कि वह टूलबॉक्स में छिपाए गए ग्रेनेड के साथ कई घर बदल चुके हैं।
अन्य मामला
गलती से दान पेटी में डाल दिया था दूसरे विश्व युद्ध का ग्रेनेड
इसी महीने यह मामला सामने आया था कि कनाडा की एक दान पेटी में कोई व्यक्ति दूसरे विश्व युद्ध के समय का ग्रेनेड डालकर चला गया था।
जैसे ही इस बात का पता चला, इलाके में सनसनी फैल गई और आनन-फानन में दुकान को खाली कराया गया।
इसके बाद बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिन्होंने पहले जनता के लिए किसी भी जोखिम को कम करने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी की और फिर ग्रेनेड को नष्ट कर दिया।