ऑस्ट्रेलिया: सुप्रीम कोर्ट ने महिला को दी मृत पति के शुक्राणु निकलवाने की अनुमति
कोर्ट में आए दिन तरह-तरह के मामले सामने आते हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया की एक 62 वर्षीय महिला ने अपने 61 वर्षीय पति की मौत के बाद उनके शुक्राणु निकालने की मांग की। मामले पर सुनवाई के बाद पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट ने भी महिला को इसकी इजाजत दे दी है। आइए जानते हैं कि महिला की इस अनोखी मांग के पीछे क्या वजह रही।
क्या है पूरा मामला?
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, साल के अंत में महिला के पति की मौत हो गई थी। उनके शव को सर चार्ल्स गेर्डनर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल ने महिला के अनुरोध पर उसके पति के शुक्राणु निकालने से इनकार कर दिया। इसके कारण महिला को कोर्ट में तत्काल आवेदन करना पड़ा। आवेदन के अगले ही दिन सुनवाई करते हुए न्यायाधीश फियोमा सीवार्ड ने अस्पताल को महिला के मृत पति के शुक्राणु निकालने का आदेश दिया।
शुक्राणुओं का इस्तेमाल करने के लिए महिला को अलग से अनुमति लेनी होगी
महिला को शुक्राणुओं का इस्तेमाल करने के लिए कोर्ट में एक और आवेदन इसलिए करना होगा क्योंकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया वर्तमान में मरणोपरांत शुक्राणुओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता है। हालांकि, हो सकता है कि महिला की इस मांग को भी मंजूरी दे दी जाए। इसके साथ ही न्यायाधीश ने अस्पताल के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बार फिर किसी व्यक्ति को ऐसी दर्दनाक परिस्थितियों में कोर्ट आने पर मजबूर होना पड़ा।
दंपति के थे 2 बच्चे, दोनों की हुई मौत
कानूनी कारणों से महिला और उनके मृत पति की पहचान को सामने नहीं लाया गया है, लेकिन दंपति के 2 बच्चे थे, जिनकी अलग-अलग दुर्घटनाओं में मौत हो गई। इसके बाद दंपति ने एक और बच्चा पैदा करने पर विचार किया था, लेकिन एक फर्टिलिटी विशेषज्ञ ने महिला को बताया कि वह बढ़ती उम्र के कारण गर्भधारण नहीं कर सकतीं। फिर महिला के पति के शुक्राणुओं का टेस्ट किया गया और उन्हें काम के योग्य पाया गया।
असफल रही थी सरोगेसी की कोशिश
पति के टेस्ट पॉजिटिव आए तो महिला की 20 वर्षीय चचेरी बहन सरोगेट बनने के लिए तैयार हो गईं, लेकिन प्रक्रिया आगे बढ़ने से पहले ही कई तरह की चुनौतियां सामने आ गईं। दरअसल, दंपति विदेश में रहती है और सरोगेसी के लिए उनका कुछ समय देश में ही रहना अनिवार्य था। दंपति ने ऐसा करने की योजना भी बनाई थी, लेकिन काम की बाध्यता, महामारी और महिला की सास की मौत के कारण वो ऐसा नहीं कर सके।