अमेरिका: डॉक्टरों ने इंसान के शरीर में लगाई सुअर की किडनी, दिख रहे सकारात्मक नतीजे
अमेरिका के न्यूयॉर्क में डॉक्टरों ने इंसान के शरीर में सुअर की किडनी का प्रत्यारोपण किया है और यह डेढ़ महीने से ज्यादा समय से काम भी कर रही है। यह समय अब तक की सबसे लंबी अवधि है। यह नई उपलब्धि भविष्य में अंगदान की जरूरतों को पूरा करने की कोशिशों की तरफ एक उम्मीद की किरण है। आइये डॉक्टरों के इस अद्भुत कारनामे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ब्रेन डेड व्यक्ति पर किया गया प्रयोग
अंग प्रत्यारोपण की यह प्रक्रिया जुलाई में NYU लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट की एक टीम द्वारा की गई थी। उन्होंने ब्रेन डेड 57 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में सुअर की किडनी प्रत्यारोपित की। सुअर की किडनी इस व्यक्ति के शरीर में 6 हफ्ते से ज्यादा समय से है और अभी भी सामान्य रूप से काम कर रही है। यह किसी व्यक्ति के शरीर में सुअर की किडनी का सबसे लंबे समय तक काम करने का रिकॉर्ड है।
सकारात्मक नतीजों से डॉक्टरों में जागी नई उम्मीद
इस मामले पर बीते बुधवार को NYU इंस्टीट्यूट के अंगदान सिस्टम डायरेक्टर फिलिप सोमर ने कहा, "सभी संकेत किडनी के सामान्य इंसान की किडनी की तरह काम करने की क्षमता के साथ सकारात्मक दिशा की ओर इशारा कर रही है।" भले ही इस प्रयोग में व्यक्ति ब्रेन डेड है, लेकिन डॉक्टरों की टीम को उम्मीद है कि जब जीवित रोगियों में भी यह प्रक्रिया दोहराई जाएगी तो इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
प्रयोग के लिए अनुवांशिक रूप से परिवर्तित सुअरों का किया गया इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक, कई सालों से वैज्ञानिक जानवरों के अंगों को इंसानों में प्रत्यारोपित करने में विफल रहे हैं क्योंकि लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी ऊतकों पर हमला कर देती है। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या के समाधान के लिए आनुवंशिक रूप से परिवर्तित सुअरों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर जीवित रोगियों में यह प्रक्रिया सफल हो गई तो आने वाले समय में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
इंसान में सुअर का दिल लगाने की भी हुई थी विफल कोशिश
NYU इंस्टीट्यूट की टीम द्वारा किए गए प्रत्यारोपण से पहले ऐसे कई विफल प्रयास हो चुके हैं। मार्च, 2022 में 57 वर्षीय डेविड बेनेट आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर का हृदय प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले जीवित इंसान थे। हालांकि, इस प्रक्रिया के 2 महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि यह सुअर के वायरस का परिणाम हो सकता है। फिलहल वैज्ञानिक इस गुप्त सुअर वायरस के लिए स्क्रीनिंग कर रहे हैं।