अमेरिका: 9 की बजाए केवल 4 महीने में पैदा हुआ था बच्चा, अब है एकदम स्वस्थ
गर्भावस्था के 37-40 सप्ताह में जन्मा बच्चा स्वस्थ माना जाता है, लेकिन 35 सप्ताह से पहले जन्मा बच्चा प्री-मैच्योर होता है। हालांकि, अमेरिका के बर्मिंघम अस्पताल में एक बच्चा 5 जुलाई, 2020 को अपने समय से 132 दिन पहले, यानी उसका जन्म केवल 21 सप्ताह में ही हो गया था। इसके बाद उसे गिनीज बूक वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से 'दुनिया के सबसे प्री-मैच्योर बच्चे' का प्रमाणपत्र मिला था। अब यह बच्चा 4 साल का हो चुका है।
1 प्रतिशत से भी कम थी बच्चे के जिंदा बचने की उम्मीद
अपना चौथा जन्मदिन मनाने वाले बच्चे का नाम कर्टिस जी-कीथ मीन्स है और जन्म के समय उसका वजन महज 420 ग्राम था। उस वक्त डॉक्टरों का कहना था कि कर्टिस के बचने की संभावना 1 प्रतिशत से भी कम है क्योंकि उसका जन्म मानक गर्भकालीन अवधि के ठीक आधे समय में हुआ था, लेकिन अब 4 साल बाद वह एकदम स्वस्थ है। हालांकि, कर्टिस की जुडवां बहन प्री-मैच्योर होने के कारण बच नहीं पाई थी।
21 सप्ताह का बच्चा था काफी कमजोर
कर्टिस की मां मिशेल ने अपनी गर्भवस्था के बारे में बताया, "शुरू में सब कुछ अच्छा चल रहा था और मुझे लगा था कि बच्चे तय तारीख पर ही जन्म लेगें, लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था।" नियोनेटोलॉजी के यूएबी डिवीजन में बाल चिकित्सा के प्रोफेसर ब्रायन सिम्स ने कहा, "कर्टिस के जन्म ने हमें पूरी तरह से चौंका दिया था क्योंकि 21 सप्ताह का बच्चा काफी कमजोर था।"
9 महीनों तक डॉक्टरों की देखरेख में रहा कर्टिस
ब्रायन ने आगे बताया, "मिशेल को 21 सप्ताह में ही प्रसव पीडा शुरू हो गई थी और उन्होंने जल्द 2 बच्चों को जन्म भी दे दिया था, लेकिन उनकी बच्ची नहीं बची और कर्टिस को 9 महीने तक डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया, वहीं मिशेल को भी 4 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था।" उन्होंने यह भी कहा कि वह समय मिशेल के लिए काफी तनावपूर्ण था क्योंकि कर्टिस को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
3 महीने तक वेंटिलर पर रहा बच्चा आज हुआ 4 साल का
जन्म के बाद कर्टिस 3 महीने तक वेंटिलेटर पर रहा और घर लौटने पर उसके लिए ऑक्सीजन के लिए नेजल कैनुला का इस्तेमाल करना पड़ता था। मिशेल ने कहा कि जिंदा रहने के लिए कर्टिस ने कई चीजों का सामान किया, इसलिए उसका एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित करना उनके लिए बहुत गर्व की बात है और उन्हें सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है कि वह अपने बच्चे को बचाने में सफल रहीं।