आंध्र प्रदेश: गाँव में स्कूल के बच्चों के साथ पढ़ती है लंगूर, देखें वायरल वीडियो
वर्तमान समय में शिक्षा का क्या महत्व है, यह हर कोई जानता है। बच्चे शिक्षित होने के लिए स्कूल जाते हैं और मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। बच्चों को स्कूल जाते देखकर घरवाले ख़ुश होते हैं, लेकिन अगर कोई जानवर स्कूल जाता है, तो यह हैरानी की बात होती है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला आंध्र प्रदेश में देखा गया है, जहाँ गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने के लिए एक मादा लंगूर जाती है। आइए जानें।
रोज़ाना स्कूल आकर किताब देखकर करती है पढ़ाई
आंध्र प्रदेश के वेंगालामपल्ली गाँव के सरकारी स्कूल में एक ख़ास छात्रा पढ़ाई करने आती है। स्कूल के हेडमास्टर एस अब्दुल लतीफ का कहना है कि 60 छात्र स्कूल की ख़राब हालत और शिक्षकों की कमी की वजह से नहीं आते हैं। यहाँ केवल दो ही शिक्षक हैं। लेकिन पिछले दो सप्ताह से एक मादा लंगूर रोज़ाना स्कूल आती है और किताब देखकर पढ़ाई करती है। इसके अलावा वह बच्चों के साथ खेलती और लंच भी करती है।
लक्ष्मी नाम से बुलाने पर देती है प्रतिक्रिया
लतीफ ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "पास के ही जंगल से तीन लंगूर आए थे, जिसमें से एक हादसे में दो लंगूरों की मौत हो गई और एक मादा लंगूर स्कूल में आ गई।" उन्होंने आगे कहा, "5 से 10 साल तक के बच्चे शुरुआत में इससे डरते थे, लेकिन अब वो लंगूर के दोस्त बन चुके हैं। बच्चों ने मादा लंगूर का नाम लक्ष्मी रखा है और लक्ष्मी नाम से बुलाने पर वह प्रतिक्रिया भी देती है।"
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो
लंगूर पहले दिन से ही अच्छा व्यवहार कर रही है। वो रोज़ सुबह प्रेयर में भाग लेती है और बाक़ी छात्रों के साथ कक्षा में बैठती है। वो बिना किसी को परेशान किए रोज़ाना किताब पढ़ती है। किताबों में अगर दिलचस्प फोटो दिखती है, तो वह उस पर ऊँगली रख देती है और गौर से देखने लगती है। इसके बाद वो दूसरा पन्ना भी पलटकर देखती है। इसी वजह से सोशल मीडिया पर लंगूर का वीडियो वायरल हो रहा है।
बच्चों के साथ कक्षा में बैठकर पढ़ती लंगूर
ब्लैक बोर्ड पर घसीटती है चॉक
जानकारी के लिए बता दें कि जब लक्ष्मी को ब्लैकबोर्ड पर लिखने के लिए चॉक दी जाती है, तो वो घसीटती है और बाद में उसे मुँह में रख लेती है। हालाँकि, चॉक तुरंत निकाल दिया जाता है, नहीं तो उसे परेशानी हो सकती है।
लक्ष्मी को खाने के लिए दिए जाते हैं केले और अन्य फल
लतीफ के अनुसार, "शुरुआत में शिक्षकों को लगा कि लंगूर बच्चों को परेशान करेगी, जिसकी वजह से गेट बंद कर दिया जाता था। इसके बाद वो खिड़की पर बैठकर लेक्चर सुनती थी। बाद में उसे अंदर आने दिया जाने लगा।" जहाँ बाक़ी छात्रों को मिड-डे मिल दिया जाता है, वहीं लक्ष्मी के खाने के लिए केले और अन्य फल की व्यवस्था की जाती है। बता दें कि लक्ष्मी के आने के बाद से छात्रों की उपस्थिति 100% हो गई है।