अमेरिका: 56 वर्षीय महिला ने अपने ही बेटे और बहू के बच्चे को दिया जन्म
कई कारणों की वजह से कुछ कपल माता-पिता नहीं बन पाते हैं, इसलिए वह सरोगेसी का सहारा लेते हैं। इसी से जुड़ा एक दिलचस्प मामला अमेरिका के उटाह से सामने आया है। यहां हिस्टेरेक्टॉमी ऑपरेशन के कारण कैंब्रिया (30) के गर्भाशय के हिस्से को हटा दिया गया था, जिसके कारण वह मां नहीं बन सकती थीं। उनको संतान का सुख देने के लिए उनकी 56 वर्षीय सास नैन्सी हॉक ने सेरोगेसी से अपनी पोती को जन्म दिया है।
बहू की बीमारी के कारण सास बनी बेटे के बच्चे की मां
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जेफ हॉक (32) एक वेब डेवलपर हैं। हिस्टेरेक्टॉमी ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर्स को उनकी पत्नी कैंब्रिया का गर्भाशय हटाना पड़ा था, इसलिए वह कभी मां नहीं बन सकती हैं। इसी वजह से जेफ हॉक की मां नैन्सी हॉक ने अपने बेटे के बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। डॉक्टर ने भी नैन्सी के इस फैसले को सुरक्षित करार दिया, जिसके बाद पूरा परिवार बेहद खुश है।
परिवार के लिए खुशियों का पल- जेफ
बच्ची के जन्म के बाद जेफ हॉक ने कहा, "कोई भी अपनी मां को इस तरह नहीं देख पाता है। लेकिन मुझे यह देखने का मौका मिला कि मेरी मां ने अपने बेटे की बच्ची को ही जन्म दिया। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी का पल है। उन्होंने पूरे नौ घंटे तक लेबर दर्द को सहते हुए स्वस्थ बेटी को जन्म दिया।" वहीं नैन्सी भी पोती पैदा करके बहुत भावुक हो गईं और नई भावनाएं महसूस कर रही हैं।
दादी की भावनाओं का सम्मान करते हुए रखा गया नवजात का नाम
प्रेग्नेंसी के दौरान नैन्सी ने सपने में 'हन्ना' नाम सुना था, इसलिए उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए परिवार ने बच्ची का नाम हन्ना रखा है, जिसका मतलब होता है खूबसूरत। जेफ हॉक और कैंब्रिया के पहले से चार बच्चे हैं, जिन्हें खुद कैंब्रिया ने पैदा किया था। कपल अपने परिवार को और बढ़ाना चाहता था, लेकिन कैंब्रिया के ऑपरेशन के बाद ऐसा नहीं हो सकता था। इसी वजह से दादी नैन्सी ने सरोगेसी के लिए सुझाव दिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 25 जनवरी, 2022 को लागू हुआ था। इसमें कमर्शियल सरोगेसी को प्रतिबंधित कर दिया गया है। मौजूदा कानून के अनुसार, सरोगेसी का सहारा तभी लिया जा सकता है, जब पांच साल या उससे अधिक समय तक कपल को बच्चा न हुआ हो। कानून में यह भी कहा गया है कि सरोगेट मदर को कपल का करीबी रिश्तेदार होना चाहिए। 35 से 45 वर्ष की विधवा या तलाकशुदा महिला भी सरोगेसी की मदद ले सकती है।