
फ्रांस: ये मूर्ति लगभग 8 करोड़ रुपये में हुई नीलाम, जानिए क्या है खास
क्या है खबर?
अगस्टे रोडिन एक प्रख्यात कलाकार थे, जिनका काम कला बाजार में सबसे प्रशंसित, महंगा और मांग वाला है।
अब उनके द्वारा साल 1892 में बनाई गई एक छोटी संगमरमर की मूर्ति हाल ही में लगभग 1 लाख डॉलर यानी 8.55 करोड़ रुपये में नीलाम की गई है।
पहले यह मूर्ति नकली समझी जा रही थी, लेकिन जांच-पड़ताल के बाद ये अगस्टे की बनाई असली मूर्ति निकली।
आइए इस नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नीलामी
कहां हुई नीलामी?
फ्रांस में रूईलैक नीलामी घर द्वारा आयोजित नीलामी में मूर्ति को बेचा गया।
मूर्ति को 'डेस्पायर' कहा जाता है, जिसमें एक महिला बैठकर दोनों हाथ से अपने एक पैर को पकड़े हुए है।
नीलामीकर्ता ने बताया, "साल 1906 में एक नीलामी में बिकने के बाद ये मूर्ति गायब हो गई थी, जो कुछ समय पहले मिली तो इसे अगस्टे की मूर्ति की नकल माना जा रहा था, लेकिन 6 सप्ताह की जांच के बाद कॉमिटे रोडिन द्वारा प्रामाणिक माना गया।"
संगठन
कॉमिटे रोडिन क्या है?
कॉमिटे रोडिन एक ऐसा संगठन है, जो अगस्टे के कामों के अध्ययन, संरक्षण और प्रमाणन में काम करता है, जिसकी वजह से इस मूर्ति की असलियत भी सामने आई।
नीलामीकर्ता एमेरिक रूइलैक ने इसे बहुत दुर्लभ खोज बताया और उनके अनुसार यह मूर्ति दुख का चित्रण है।
11 इंच की ये मूर्ति कई वर्षों से उसके पिछले मालिक के पियानो में रखी हुई थी, जिसके मिलने के बाद उन्होंने रूईलैक नीलामी घर से संपर्क किया।
दूसरी नीलामी
साल 2015 में भी नीलाम हुई थी अगस्टे की एक अन्य मूर्ति
नीलामी घर ने बताया, "अगस्टे ने इस मूर्ति को 'द गेट ऑफ हेल' नामक विशाल संग्रह के लिए इसे तैयार किया था।"
इससे पहले साल 2015 में अगस्टे द्वारा बनाई गई एक 13 इंच की कांस्य और संगमरमर की मूर्ति को सोथबी नीलामी घर ने 10,58,827 डॉलर (9 करोड़ से ज्यादा रुपये) में बेची गई थी।
इसके बाद डेस्पायर ही नीलामी में शामिल हुई थी।
अन्य मामला
कांगड़ा में बनाई गईं 18वीं सदी की 2 पेंटिंग हुईं नीलाम
हाल ही में भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के शहर कांगड़ा में 18वीं सदी में बनाई गईं 2 पेंटिंग 31 करोड़ रुपये की भारी कीमत पर नीलाम हुई हैं।
इन कलाकृतियों की नीलामी पंडोल्स नामक नीलामी घर द्वारा आयोजित करवाई गई थी, जो कि मुंबई में स्थित है। इस नीलामी का आयोजन हैमिल्टन हाउस में किया गया था, जिस दौरान कई भारतीय कलाकारों की पेंटिंग नीलाम हुईं थीं।