चीन के वैज्ञानिकों ने रचा इतिहास, पहली बार लाल पियोनी फूल से बनाया हीरा
हीरा आभूषणों में सभी महिलाओं की पहली पसंद होता है, जो कि पृथ्वी के आवरण में पाया जाता है। यह कीमती रत्न बेहद महंगा और दुर्लभ होता है। हालांकि, चीन के कुछ वैज्ञानिकों ने अब एक फूल से हीरा बनाकर इतिहास रच दिया है। यहां के वैज्ञानिकों ने पियोनी नामक लाल रंग के फूल से हीरा बनाने का कारनामा किया है। पियोनी प्राचीन समय में चीन का राष्ट्रिय फूल माना जाता था। आइए पूरी खबर को विस्तार से जानते हैं।
पियोनी फूल के कार्बन तत्वों से बनाया गया हीरा
पियोनी फूल के कार्बन तत्वों से बने दुनिया के पहले 3 कैरेट के हीरे का अनावरण चीन के हेनान प्रांत के लुओयांग में किया गया था। इस हीरे को लुओयांग टाइम प्रॉमिस कंपनी ने लुओयांग नेशनल पियोनी गार्डन को दान कर दिया है। पिछले महीने के अंत से ही शहर का पियोनी उद्यान हीरा बनाने के प्रयासों में जुटी कंपनी को फूल पहुंचा रहा था, जिनमें एक 50 साल पुराना पियोनी भी शामिल था।
34.53 लाख रुपये है इस नायाब हीरे की कीमत
इस नायाब और दुर्लभ हीरे की कीमत 3 लाख युआन (34.53 लाख रुपये) है। हीरे के विषय में लुओयांग टाइम प्रॉमिस कंपनी के CEO वांग जिंग ने कहा, "यह हमारी बायोजेनिक कार्बन निष्कर्षण तकनीक का उपयोग करके उगाए गए पियोनी से बनाया जाता है।" उन्होंने आगे कहा, "इन पियोनी फूलों की खेती के दौरान उच्च तापमान बनाया रखा जाता है।" वांग जिंग ने बताया कि इन खूबसूरत फूलों से तैयार किया गया हीरा बेहद जटिल तकनीक के जरिए बनता है।
इस प्रक्रिया से तैयार किया जाता है यह हीरा
पियोनी से निकले कार्बन तत्वों को हीरे में बदलने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक काफी जटिल है। चीनी कंपनी ने खुलासा किया कि इसे बनाने के लिए बाल, हड्डियों और फूलों जैसे विभिन्न स्रोतों से कार्बन तत्वों को विशेष रूप से डिजाइन किए गए उपकरण के जरिए निकाला जाता है। यह उपकरण फूलों से कार्बन सामग्री को अलग करता है। इसके बाद इन कार्बन तत्वों को हीरा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
लोग कर रहे हैं लैब में बनाए गए हीरों का चुनाव
लैब में विकसित किए जाने वाले हीरे पिछले कुछ सालों से लोगों के बीच बेहद चलन में हैं। इन हीरों को प्राकृतिक हीरों के एक बढ़िया विकल्प के रूप में बनाया जाता है। एक प्रयोगशाला में विकसित हीरे में असली हीरे जैसे ही रासायनिक कमपाउंड होते हैं। इन्हें 2 तरीकों से बनाया जाता है, जो कि उच्च दबाव उच्च तापमान (HPTP) और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) हैं। वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए हीरे 2 महीने में तैयार हो जाते हैं।