बच्चे को यात्रा करते हुए मिली 1800 साल पुरानी अंगूठी, बनी हैं रोमन देवी की कलाकृतियां
एक 13 साल के बच्चे ने अपने पिता के साथ एक इजरायली खदान के पास पैदल यात्रा करते हुए एक पुश्तैनी अंगूठी ढूंढ निकाली है। इस पुरानी अंगूठी पर ज्ञान और युद्ध की रोमन देवी मिनर्वा की कलाकृति बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक, यह अंगूठी करीब 1800 साल पुरानी है। इसे याईर वाइटसन नामक बच्चे ने खोजा है, जो बचपन से ही पत्थरों को जमा करने में दिलचस्पी रखते हैं।
माउंट कार्मेल नेशनल पार्क में मिली थी यह प्राचीन वस्तु
याईर वाइटसन ने कहा कि वह अपने पिता के साथ माउंट कार्मेल नेशनल पार्क में प्राचीन खदान स्थल के पास घूम रहे थे। इसी दौरान उन्होंने जमीन पर पड़ा हुआ एक जेड पत्थर देखा। याईर ने एक बयान में कहा, "लंबी पैदल यात्रा के दौरान मेरी नजर एक छोटी हरी वस्तु पर पड़ी और मैंने उसे उठा लिया। वह खराब हो गई थी और शुरुआत में मुझे लगा कि वह सिर्फ एक जंग लगा बोल्ट है।"
अंगूठी पर बनी है मिनर्वा की ढाल और भाला पकड़ी तस्वीर
याईर ने कहा, "मैंने पहले पत्थर को गर्म करने का सोचा था।" हालांकि, कुछ ही देर बाद उन्हें समझ आ गया कि वह एक अंगूठी है। याईर और उनके पिता अंगूठी को लेकर अपने घर चले गए थे। घर पहुंच कर दोनों ने देखा कि उसपर मिनर्वा नामक रोमन देवी की कलाकृति की नक्काशी की गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, "इसपर एक हेलमेट पहने नग्न महिला की छवि बनी है, जिसके एक हाथ में ढाल और दूसरे में भाला है।"
युद्ध और सैन्य रणनीति व ज्ञान की देवी थीं मिनर्वा
इजरायल एंटीक्विटीज अथॉरिटी (IAA) की चोरी रोकथाम इकाई के नीर डिस्टेलफेल्ड और डॉ. ईटन क्लेन ने कहा कि अंगूठी मिनर्वा को ही दर्शाती है। यह अंगूठी कांस्य से बनी प्रतीत होती है, जो लगभग 1800 साल पुरानी है। IAA का अनुमान है कि इसे स्वर्गीय रोमन काल के दौरान इजरायल में बनाया गया था। उस युग के दौरान मिनर्वा इजरायल में बेहद लोकप्रिय थीं, क्योंकि उन्हें युद्ध और सैन्य रणनीति व ज्ञान की देवी माना जाता था।
विशेषज्ञों ने अंगूठी के स्वामित्व के विषय में लगाए अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुश्तैनी अंगूठी माउंट कार्मेल के आसपास रहने वाली किसी महिला की हो सकती है। इसके अलावा, यह किसी खदान मजदूर की हो सकती है, जिसने काम के दौरान इसे खो दिया हो। ऐसी भी संभावना है कि यह अंगूठी प्राचीन स्थल के आसपास की कब्रों में दफनाने के लिए दी गई भेंट हो। इस अंगूठी को राष्ट्रीय खजाना विभाग को दे दिया गया है, जिसे इजरायल के शोटेनस्टीन राष्ट्रीय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा।